जल संरक्षण के लिए सबको मिल कर प्रयास करना होगा :राष्ट्रपति
अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आने वाले समय में जल संकट और भी गहराने की बात कही गंगा की तरह ही कावेरी, पेरियार, नर्मदा, यमुना,...
अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आने वाले समय में जल संकट और भी गहराने की बात कही गंगा की तरह ही कावेरी, पेरियार, नर्मदा, यमुना,...
अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आने वाले समय में जल संकट और भी गहराने की बात कही गंगा की तरह ही कावेरी, पेरियार, नर्मदा, यमुना, महानदी और गोदावरी जैसी अन्य नदियों को भी प्रदूषण से मुक्त कराने की दिशा में सरकार प्रयास कर रही है। जल-स्रोतों के लुप्त होने से गरीबों के लिए पानी का संकट बढ़ता गया। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते प्रभावों के कारण आने वाले समय में, जलसंकट के और गहराने की आशंका है। आज समय की मांग है कि जिस तरह देश ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को लेकर गंभीरता दिखाई, वैसी ही गंभीरता ‘जल संरक्षण एवं प्रबंधन’ के विषय में भी दिखानी होगी।’’
राष्ट्रपति कोविंद ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है- बढ़ता हुआ जल-संकट | राष्ट्रपति ने कहा की ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की तरह ही ‘जल संरक्षण एवं प्रबंधन’ के बारे में गंभीरता दिखाना समय की मांग बन गया है। कोविंद ने कहा, ‘‘हमें अपने बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचाना ही होगा। नए ‘जलशक्ति मंत्रालय’ का गठन, इस दिशा में एक निर्णायक कदम है जिसके दूरगामी लाभ होंगे।’’