बच्‍चे में चांद-तारों के प्रति समझ बढ़ने के लिए इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में बनेंगी एस्‍ट्रोनॉमी लैब

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बच्‍चे में चांद-तारों के प्रति समझ बढ़ने के लिए  इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में बनेंगी एस्‍ट्रोनॉमी लैब

खगोल विज्ञान के प्रति विद्यार्थियों में रुचि उत्पन्न करने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में 'एस्ट्रोनामी लैब' की स्थापना की जाएगी। लैब विद्यार्थियों के लिए हॉबी लैब की तरह कार्य करेगी।

यहां चंद्र व सूर्यग्रहण, सौर मंडल, कान्स्टलेशन एवं जोडियक साइन, सैलेस्टियल स्फेयर आदि मॉडल्स उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही खगोल विज्ञान से संबंधित हैंडस ऑन एक्टिवीटीज एवं प्रयोगों का आयोजन भी होगा।

कंप्यूटर के जरिये से खगोल विज्ञान से संबंधित साफ्टवेयर्स के उपयोग को भी समझाया जाएगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में अपर मुख्य सचिव कुमार कमलेश की अध्यक्षता में कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में 20 शोध परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई। विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम 'कौन बनेगा नन्हा कलाम के प्रस्ताव पर भी मोहर लगाई गई। बैठक में परिषद निदेशक डॉ.वेदपति मिश्र ने कार्यकारिणी के समक्ष प्रस्तावित परियोजनाएं प्रस्तुत कीं।

बैठक में केजीएमयू के कुलपति डॉ.एमएलबी भट्ट, आइआइटीआर के निदेशक प्रो.आलोक धावन, एसजीपीजीआइ, सीमैप, आइइटी, नियोजन, वित्त, उद्योग एवं अवस्थापना विकास विभाग, कृषि विभाग के प्रतिनिधि शामिल थे।

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