अवधी, भोजपुरी और बुंदेली भाषा में किताबें पढ़ेंगे यूपी के प्राइमरी छात्र

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अवधी, भोजपुरी और बुंदेली भाषा में किताबें पढ़ेंगे यूपी के प्राइमरी छात्र

उत्तर प्रदेश में ग्रामीण इलाकों से स्कूलों में पढ़ने आने वाले बच्चों को अकसर किताबों को लेकर झिझक होती है। अब ऐसे बच्चों को सहज महसूस कराने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने भोजपुरी और अवधी सहित स्थानीय बोलियों में पाठ्यपुस्तकें तैयार की हैं।

बच्चे स्थानीय भाषाओं में किताबें पढ़ने के बाद जल्दी सीखेंगे और उनकी झिझक भी दूर होगी।
अधिकारियों ने बताया कि इस पहल से बोलचाल की भाषा को भी महत्व मिलेगा और जिससे उनके संरक्षण में मदद मिलेगी। वहीं दूसरा लाभ भाषा का उपयोग करने वाले बच्चों में जल्दी सीखने के परिणाम सामने आएंगे

इस पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर बुधवार को बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने स्थानीय भाषाओं की किताबें लॉन्च कीं। अब इन किताबों को मथुरा, गोरखपुर, ललितपुर और बाराबंकी जिलों में कक्षा एक और दो के छात्र-छात्राओं तक एक या दो दिन में पहुंचा दिया जाएगा।

सर्व शिक्षा अभियान के संयुक्त निदेशक अजय सिंह ने बताया कि इस पहल से छात्रों को उनकी ही भाषा से पाठ समझने और याद करे में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि अभी हर भाषा में 15 पुस्तकें छापी गई हैं। चार जिलों में के चारों जिलों में से हर एक जिले में दस स्कूलों को चुना गया है, जहां इन किताबों को बच्चों में वितरित किया जाएगा।

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