विदेश मंत्री माइकल आर. पोम्पियो ने चीन की धौंस का दिया करारा जवाब , कहा चीन अपना रवैया बदले

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विदेश मंत्री माइकल आर. पोम्पियो ने चीन की धौंस का दिया करारा जवाब , कहा चीन अपना रवैया बदले

अमेरिका के विदेश सेक्रेट्री पोम्पियो ने कहा कि हम भारत-चीन सीमा पर स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद करते हैं। ताइवान जलडमरूमध्य से लेकर हिमालय और उससे आगे तक, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने का एक स्पष्ट और गहन पैटर्न नज़र आता है।

ये धौंसपट्टी दक्षिण चीन सागर में भी दिख रही है। गत सप्ताह, अमेरिका ने उस क्षेत्र में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साम्राज्यवाद के लिए ज़िम्मेवार चीनी व्यक्तियों और उपक्रमों पर प्रतिबंधों और वीज़ा पाबंदियों की घोषणा की, जो अवैध ऊर्जा निगरानी तथा हमारे मित्र राष्ट्र फिलिपींस और अन्य देशों के आर्थिक क्षेत्रों में अपनी गतिविधियां चलाने जैसे क्रियाकलापों में शामिल रहे हैं।

गैलापेगोस द्वीप समूह के पास चीनी ध्वज वाले 300 से अधिक पोतों की गतिविधियों – जिसकी हम पहले भी चर्चा कर चुके हैं – को लेकर हमारी चिंताएं बनी हुई हैं, जोकि लगभग निश्चित रूप से वहां अवैध रूप से मछली मार रहे हैं।

समुद्र में इस अराजकता के मद्देनज़र, ये कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि पिछले सप्ताह समुद्री क़ानून पर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के लिए हुए चुनाव में चीन के उम्मीदवार को किसी भी अन्य उम्मीदवार की तुलना में अधिक अनुपस्थितियों का सामना करना पड़ा।

चीन समुद्री क़ानून संधि का सबसे प्रमुख उल्लंघनकर्ता है, और दुनिया भर के राष्ट्र इस बारे में अपनी अस्वीकृति दर्ज करा रहे हैं।

हम तिब्बत में चीनी कार्रवाइयों के बारे में भी चिंतित हैं, ख़ासकर तिब्बती बौद्ध धर्म का "चीनीकरण" करने और वहां "विभाजनवाद" से लड़ने के महासचिव के हाल के आह्वान के मद्देनज़र। हम अपनी मांग को दोहराते हैं कि बीजिंग दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों के साथ बिना किसी पूर्व शर्त के वार्ता शुरू करे, ताकि उनके आपसी मतभेदों का समाधान हो सके।

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