बच्चों की ग्रोथ में मोबाइल है बड़ा रुकावट, रहना होगा सावधान

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बच्चों की ग्रोथ में मोबाइल है बड़ा रुकावट, रहना होगा सावधान

आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है. बच्चों के हाथों में भी अक्सर मोबाइल दिख जाता है. चाहे खेलने के लिए हो या पढ़ाई के लिए, मोबाइल का उपयोग बढ़ता जा रहा है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इसके अधिक उपयोग से बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है? आइए जानते हैं यहां..शारीरिक विकास में बाधा मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करने से बच्चों में कई समस्याएं आ सकती हैं. पहली समस्या नींद की कमी है. जब बच्चे देर रात तक मोबाइल चलाते हैं, तो उन्हें सही समय पर नींद नहीं आती, और उनका शरीर और दिमाग ठीक से आराम नहीं कर पाता. इसके अलावा, ज्यादा समय तक स्क्रीन देखने से आंखों में जलन और धुंधलापन हो सकता है.

फिर, लगातार बैठे रहने से उनकी मांसपेशियों में अकडऩ आ जाती है. ये सभी चीजें मिलकर बच्चों के हेल्थ और विकास को प्रभावित करती हैं.मानसिक प्रभाव पड़ता है जब बच्चे अधिक समय तक मोबाइल पर गेम खेलते हैं या वीडियो देखते हैं, तो उनकी एकाग्रता और सीखने की गति में कमी आ सकती है. इससे उनके स्कूल की पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ता है. बच्चे जब लगातार स्क्रीन देखते हैं तो उनका मन भटकने लगता है और वे पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाते. इसलिए जरूरी है कि मोबाइल का उपयोग सीमित किया जाए. सामाजिक प्रभावबच्चे जब मोबाइल पर ज्यादा समय बिताते हैं, तो उनका असली दुनिया से संपर्क कम हो जाता है. इससे उन्हें नए दोस्त बनाने में दिक्कत हो सकती है क्योंकि वे लोगों से बातचीत में हिचकिचाते हैं.

सामाजिक ज्ञान जैसे कि टीम में काम करना, संवाद करना और समझदारी से पेश आना भी कम हो सकते हैं. इसलिए मोबाइल का इस्तेमाल कम करके बच्चों को खुले में खेलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. जानें उपाय *समय सीमा निर्धारित करें: पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों के मोबाइल उपयोग के लिए समय सीमा तय करें और उसका सख्ती से पालन कराएं. *शारीरिक गतिविधियां बढ़ाएं: बच्चों को बाहरी खेलों और अन्य शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करें.*सीखने के वैकल्पिक तरीके: बच्चों को पढ़ाई के लिए अन्य संसाधनों का उपयोग करने के लिए उत्साहित करें, जैसे कि किताबें और कोई खेल.

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