एक्सरसाइज करने का सही समय क्या है अध्ययन में हुआ खुलासा

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एक्सरसाइज करने का सही समय क्या है अध्ययन में हुआ खुलासा

जिस तरह से एक्सरसाइज की सही तकनीक मालूम होना जरूरी है, ठीक उसी तरह समय पर एक्सरसाइज करना भी महत्वपूर्ण है, तभी इससे मनचाहा परिणाम मिल सकता है।हालांकि, बहुत से लोगों के मन में यह उलझन बनी रहती है कि वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज करने का सबसे अच्छा समय कौन-सा होता हैहाल ही में एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि एक्सरसाइज किस समय करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।कहां किया गया यह अध्ययनऑस्ट्रेलिया में सिडनी विश्वविद्यालय में हुए एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि शाम के समय कसरत करना लाभदायक हो सकता है, खासकर मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए।अध्ययन में पाया गया कि जिन अधिक वजन वाले लोगों ने शाम के समय एक्सरसाइज की, उनमें एक्सरसाइज न करने वाले या किसी अन्य समय पर एक्सरसाइज करने वालों की तुलना में हृदय संबंधी समस्याओं या मृत्यु होने की संभावना कम थी।एक्सरसाइज के समय का स्वास्थ्य पर प्रभावइस बात पर लंबे समय से बहस चल रही है कि एक्सरसाइज किस समय करना फायदेमंद होता है, लेकिन यह हमारी सर्कैडियन लय पर निर्भर करता है।

सर्कैडियन लय हमारे शरीर की आंतरिक घड़ी होती है, जो हमारे मूड, मेटाबॉलिज्म, शरीर के तापमान और कई अन्य चीजों को नियंत्रित करती है, इसलिए यह संभव है कि एक्सरसाइज का समय हमें इससे मिलने वाले लाभ को प्रभावित कर सकता है।इस वजह से सही समय पर एक्सरसाइज करना महत्वपूर्ण है।अध्ययन के लिए यूके बायोबैंक के डाटा का किया गया इस्तेमालइस अध्ययन के लिए ऑस्ट्रेलियाई अनुसंधान टीम ने यूनाइटेड किंगडम (यूके) बायोबैंक के डाटा का इस्तेमाल किया, जो यूके के निवासियों के स्वास्थ्य की निगरानी करने वाली एक व्यापक परियोजना है।

शोधकर्ता टीम ने 40 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 30,000 मोटापे से ग्रस्त के स्वास्थ्य का विश्लेषण किया, जिन्हें पहले कोई हृदय रोग नहीं था।इसके लिए प्रतिभागियों को शाम के समय कुछ एक्सरसाइज करने को कहा गया।8 वर्षों के अध्ययन के बाद निकाला गया निष्कर्षप्रतिभागियों के स्वास्थ्य पर लगभग 8 वर्षों तक निगरानी रखी गई और सामने आया कि शाम के समय एक्सरसाइज करना काफी फायदेमंद है।शोधकर्ताओं के मुताबिक, एचआईएफ'ए नामक प्रोटीन जो वजन कम करने में मददगार है, वो शाम के समय ज्यादा सक्रिय रहता है।।अध्ययन के परिणाम डायबिटीज केयर जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं और लेखकों का मानना है कि उनके निष्कर्ष उन लोगों की मदद कर सकते हैं, जिन्हें मोटापा, हृदय रोग और मधुमेह है।

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