उत्पादकता बढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक प्रचलनों से सीख लें; उपराष्ट्रेपति
उपराष्ट्रपति श्री एम वैंकया नायडू ने आत्मनिर्भरता अर्जित करने के लिए दलहन का रकबा और उत्पादकता बढ़ाने की अपील की है तथा कृषि...
उपराष्ट्रपति श्री एम वैंकया नायडू ने आत्मनिर्भरता अर्जित करने के लिए दलहन का रकबा और उत्पादकता बढ़ाने की अपील की है तथा कृषि...
उपराष्ट्रपति श्री एम वैंकया नायडू ने आत्मनिर्भरता अर्जित करने के लिए दलहन का रकबा और उत्पादकता बढ़ाने की अपील की है तथा कृषि विश्वविद्यालयों से उनकी उपज में सुधार लाने पर अनुसंधानों में तेजी लाने का आग्रह किया है।
उपराष्ट्रपति ने आज आंध्र प्रदेश के गुंटूर में मुलार्प एवं शुष्क फली कार्यशाला पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान समूह की वार्षिक समूह बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि उच्च उपज वाली, रोग एवं कीटनाशक अनुकूलन बीज किस्मों के उपयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि फसल उत्पादन तकनीकों में भी सुधार लाने एवं दलहन उत्पादन के तहत अतिरिक्त अजोत भूमि को लाने की जरूरत है।
यह बताते हुए कि दलहन लोगों के लिए पादप आधारित प्रोटीनों, विटामिनों एवं खनिज अवयवों का एक सस्ता स्रोत है, श्री नायडू ने कहा कि वे पशुओं के लिए हरित, पोषक चारा उपलब्ध कराते हैं और जैवकीय नाइट्रोजन निर्धारण के जरिए मृदा को भी समृद्ध बनाते हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘कुछ फलियों में औषधीय एवं उपचारात्मक गुण भी बताए जाते हैं। इस प्रकार उन्हें भारतीय फसल पशुपालन के ‘अनूठे रत्न’ की सही संज्ञा दी जाती है।’’