सबरीमाला विषय पर फैसले के लिए सात जजों की पीठ को भेजा गया
सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को खतम करने को डाली गई याचिका को संविधान की 7:00 वाली पीठ को भेज दिया है।संवैधानिक...
सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को खतम करने को डाली गई याचिका को संविधान की 7:00 वाली पीठ को भेज दिया है।संवैधानिक...
सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को खतम करने को डाली गई याचिका को संविधान की 7:00 वाली पीठ को भेज दिया है।संवैधानिक पीठ को बहुत सारे मामले एक साथ देखने है।
भारत में विभिन्न धर्मों में महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव पर कई बार चर्चा होती रही है पर कभी भी कोई फैसला इस तरह से नहीं आया है कि भेदभाव को खत्म किया जाए। भारत में धार्मिक शोषण का शिकार रही महिलाएं अब सामने आ रही हैं और अपने अधिकारों की मांग के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है|
सबरीमाला में भी हर आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति के लिए याचिका डाली गई है।वही और भी कई ऐसे मुद्दे हैं जो मुस्लिम समाज से जुड़े हुए हैं या पारसी समाज से जुड़े हुए हैं इन सारे मुद्दों को धार्मिक समानता के अधिकार के साथ जोड़कर देखा जाना चाहिए जहां लिंग के आधार पर भेदभाव की कोई नौबत न रहे।
संविधान पीठ का फैसला काफी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह भारत के धार्मिक आजादी के मायने स्थापित करेगा और मंदिर मस्जिद को पंडितों और मौलवी मौलानाओं के कब्जे से मुक्त करने का कदम होगा।