अभी नहीं आँख खुली तो नामोनिशान मिट जाएगा

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अभी नहीं आँख खुली तो नामोनिशान मिट जाएगा

आज पुरे देश ने सायं पांच बजे घंटा, शंख , बजाकर कोरोना वायरस से लड़ रहे मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के डॉक्टर, नर्स और सपोर्टिंग स्टाफ को उनकी सेवा के लिए आभार जताया | आज इस संकट की घडी में हमें पता लगा की हमें मंदिर , मस्जिद , गुरूद्वारे से ज्यादा आई सी यू कमरों की है जिसमे हम अपने लोगो को बचाने के लिए रख पाए |

https://twitter.com/myogiadityanath/status/1241697094953398272

जो भी खबर विकसित देशो से आ रही है वो बढ़ी ह्रदय विदारक है | लोगो अपनों को मरता हुए देख रहे है क्योंकि उतनी संख्या में आई सी यू के बिस्तर नहीं है | विश्व के विकसित देशो का ये हाल है तो भारत जैसे देश में अगर वैसी स्थिति आती है तो इसकी कल्पना कर के ही ह्रदय काँप जाता है |

माननीय मोदी और योगी जी से निवेदन है की हर जिले में कम से कम दो बड़े और दस छोटे हॉस्पिटल की व्यवस्था करे जिससे हर जिले में कम से कम ५०० आई सी यू के बिस्तर हो और आवश्यकता पड़ने पर ५०० और तुरुन्त तैयार हो जाए | अगर हम उत्तर प्रदेश के हर जिले में ५०० बिस्तर का आई सी यू तैयार कर लेते है तो यू पी के ७५ जिलो में ३७५०० आई सी यू के बिस्तर होंगे जिसे आपात काल में बढ़ा कर ७५००० किया जा सकता है |

भारत में अगर आंकड़ो की माने तो मात्र ७०००० कमरे हर प्रकार के मरीजो के लिए है जबकि हमें कम से कम 5 लाख का आंकड़ा होना ही चाहिय | अमेरिका में

In a report last month, the Center for Health Security at Johns Hopkins estimated the United States has a total of 160,000 ventilators available for patient care (with at least an additional 8,900 in the national stockpile).

इन बिस्तर की संख्या सिर्फ एक लाख साठ हजार है जो विश्व का विकसित देश है | जितना धन युद्ध के लिए खर्च किया अगर उसका एक हिस्सा भी विश्व को दे देते तो आज पुरे विश्व के लोगो को आई सी यू की कमी नहीं होती |

भारत का भी दुर्भाग्य है की उनके नेताओं ने कभी भी स्वास्थ सेवा को युद्ध स्तर पर नहीं लिया - आज भी गरीब सड़क पर मर रह है | जिसके पास पैसा है अब वो भी मरेगा क्योंकि विश्व ने इस तरह के वायरस से लड़ने की तैयारी ही नहीं की है |

आज भी कई ऐसे लोग है जो कोरोना वायरस को हल्के में ले रहे है उनसे यही कहना है की अगर अभी नही चेते तो मानव का नामलेवा भी नहीं बच पायेगा | युद्ध की नहीं मानव जाति को बचाने के लिए युद्ध सी तैयारी की जरूरत है |

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