अब रहमान,तेरा क्या होगा बॉलीवुड
बॉलीवुड का परचम पूरी दुनिया में लहरा रहा है और हर भारतीय को इसपर गर्व है | पर इधर बीच खबरों में बॉलीवुड का जो काला पक्ष सामने आ रहा है वो भारतीय फिल्म...
बॉलीवुड का परचम पूरी दुनिया में लहरा रहा है और हर भारतीय को इसपर गर्व है | पर इधर बीच खबरों में बॉलीवुड का जो काला पक्ष सामने आ रहा है वो भारतीय फिल्म...
बॉलीवुड का परचम पूरी दुनिया में लहरा रहा है और हर भारतीय को इसपर गर्व है | पर इधर बीच खबरों में बॉलीवुड का जो काला पक्ष सामने आ रहा है वो भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के सेहत के लिए ठीक नहीं है | जब से सुशांत सिंह के सुसाइड की खबर आयी है तब से बॉलीवुड टुकडो -टुकडो में बंटा एक बड़ा ही दोयम दर्जे की जगह दिखने लगी है |
इस तरह की टिप्पड़ी खासकर अपने फिल्म इंडस्ट्री के लिए करना ठीक नहीं है पर जब सब ठीक न हो तो उसे ठीक करने के लिए लोगों को ही सामने आना होगा तभी इस बुराई को दूर किया जा सकता है |
बॉलीवुड का करिश्मा हर भारतीय के दिल में है | जिस तरह थिएटर के लिए दिल्ली एक हब है उसी तरह फिल्म के लिए बॉलीवुड लोगो का सपना है | कुछ हद तक इसे तमिल , तेलगु और बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री से टक्कर मिलती रहती है |
प्रभास जैसे हीरो और श्रीदेवी जैसी हेरोइन ने तमिल सिनेमा से निकल कर बॉलीवुड में अपना डंका गाड़ा है - रजनीकांत और कमल हसन जैसे कलाकारों ने भी यहाँ अपनी जगह बनायीं है पर क्या कारण है की उनको दक्षिण भारत में सीमित होना पड़ा -
बदलवा की जरुरत : हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को बदलाव की जरूरत है इसके लिए इसे मुंबई के अलावा एक या अधिक जगह पर जाना होगा जिससे इस इंडस्ट्री पर से कुछ खास लोगो का दबदबा और प्रभाव को कम किया जा सके |
अगर आप एकता कपूर, आदित्य चोपरा, करण जौहर, भट्ट कैंप के नहीं है तो आपको वहाँ पर टिकना आसान नहीं होगा | अब तो चैनेल की भी पॉलिटिक्स है आप सोनी पर है तो ज़ी पर नहीं और स्टार पर है तो कलर्स पर नहीं इस तरह की तुच्छ राजनीति बॉलीवुड का कल्चर होता जा रहा है |
कई बार खबरे आती है कि किसी हेरोइन को किसी ने फिल्म से निकलवा दिया तो कहीं किसी हीरो के बेटे ने किसी न्यूकमर के साथ बत्तमीजी की | इस तरह की खबरे आम हो चुकी है | बॉलीवुड में आज जो भी नाम है अगर हम उनके बैकग्राउंड को देखे तो फ़िल्मी खानदान नजर आता है | कुछ है जो फ़िल्मी खानदान से नहीं है तो वो भी उनमे से एक हो गए है |
आज आलिया भट्ट है या टाइगर श्रॉफ , ऋत्विक रोशन या करीना कपूर , अभिषेक बच्चन या शैफअली खान , सलमान खान या आमिर खान , ये सब फ़िल्मी खानदान से है पर ये उनकी गलती नहीं है | गलती तो तब होती है जब वो अपने रसूख के दम पर लोगो का करियर चौपट कर देते है |
अब ये सिर्फ फिल्मों तक नहीं रहा | टीवी के शो भी इन्ही लोगो के हाँथ में चले गए है और वो दिन दूर नहीं जब पुरे मनोरंजन जगत पर इनका एक क्षत्र राज हो जाए और ये इसी तरह किसी सुशांत को आत्महत्या पर मजबूर कर दे.
आज जरुरत है की फिल्म इंडस्ट्री को और फिल्म इंस्टिट्यूट को मुंबई के अलावा लखनऊ और पटना जैसे शहरो में शिफ्ट किया जाए जिससे न सिर्फ हिंदी फिल्म उद्योग को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यहाँ का युवा रोजगार अपने प्रदेश में पायेगा और प्रदेश को हिंदी फिल्म के विकास में भूमिका निभाने का मौका भी मिल जाएगा |