एक और सितारा जमी को रुखसत कर चला सितारों की ओर
हिंदी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय की छाप छोड़ने वाले सुशांत सिंह राजपूत का स्क्रीन टाइम इतना कम होगा ये शायद उनके सबसे बड़े क्रिटिक को भी नहीं लगता...


हिंदी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय की छाप छोड़ने वाले सुशांत सिंह राजपूत का स्क्रीन टाइम इतना कम होगा ये शायद उनके सबसे बड़े क्रिटिक को भी नहीं लगता...
हिंदी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय की छाप छोड़ने वाले सुशांत सिंह राजपूत का स्क्रीन टाइम इतना कम होगा ये शायद उनके सबसे बड़े क्रिटिक को भी नहीं लगता होगा -
ये इतनी जल्दी तो डूबने वाला सितारा नहीं था - जिंदगी की जंग हार कर अपने आप को मौत के हवाले करने की जल्दी तो छिछोरे का कलाकार नहीं कर सकता -
जीवन की इस भाग -दौड़ में जब २००२ में उनके माँ की मौत हुई तो उससे निकलकर वो बाहर आया और उसने अपनी जिंदगी की लड़ाई बखूबी लड़ी पर आज हार मान ली ये भरोसा करने का दिल नहीं कर रहा है |
मौत की जांच जरुरी है - कुछ दिनों पहले उनके मेनेजर और अब वो खुद किसी साजिश का शिकार तो नहीं इसकी जांच होनी चाहिए |
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