डोनाल्ड ट्रंप ने पेरिस समझौते से हटने का किया ऐलान...

Update: 2019-11-06 16:37 GMT

Aarti: ग्लोबल वार्मिंग के तहत जलवायु प्रदूषण पर वर्ष 2015 में हुए पेरिस समझौते से अमेरिका ने बाहर होने की औपचारिक जानकारी यूएन को दी थी ,इसी संदर्भ में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने संयुक्त राष्ट्र में औपचारिक नोटिस दाखिल किया है|

गौरतलब है कि जलवायु प्रदूषण में भारत समेत 188 देशों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें अमेरिका शामिल नहीं है| नोटिस दाखिल करने के बाद से ही अमेरिका के बाहर होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, सूचना देने के 1 साल बाद अमेरिका का यह निर्णय प्रभावी सिद्ध होगा |

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा कि पेरिस समझौते के अनुच्छेद 28 के अनुसार अमेरिका इससे बाहर हो सकता है| उसने महासचिव को लिखित सूचना भेजी है, ट्रंप के इस फैसले पर विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया है|

संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा स्पीकर और डेमोक्रेट नेता नैंसी पेलोसी ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन पर बढ़ता संकट विश्व के लिए अस्तित्व का खतरा बन रहा है| पेरिस समझौते से अमेरिका का पीछे हटना चौंकाने वाला फैसला है, यह एक गैर जिम्मेदाराना हरकत है|

बताते चलें कि डोनाल्ड ट्रंप ने 1 जून 2017 को पेरिस समझौता से हटने का ऐलान किया था ,इसके तहत अमेरिका 4 नवंबर 2020 को समझौते से बाहर हो जाएगा| पेरिस समझौते से अमेरिका के हटने की फैसले कि रूस और चीन समेत दुनिया भर के कई देशों में कड़ी आलोचना की जा रही है|

इन देशों ने कहा है कि अमेरिका के हटने से समझौता कमजोर पड़ जाएगा रूस के राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने मंगलवार को कहा कि सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बगैर किसी जलवायु समझौते के बारे में बात करना बहुत मुश्किल है । इसके हटने से समझौता कमजोर पड़ जाएगा । चीन में भी अमेरिका के इस फैसले पर कड़ा विरोध किया है ।

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