कलाकार :
जान्हवी कपूर,सनी कौशल,मनोज पाहवा,संजय सूरी
निर्देशक : माथुकुट्टी जेवियर भाषा :Hindi, Thriller, Drama अवधि:2 Hrs 9 Min
मिली फिल्म वैसे तो २०१९ मे मलयालम मे प्रदर्शित फिल्म ' हेलेन' का रीमेक है पर इसके निर्देशक माथुकुट्टी जेवियर ही मूल फिल्म के निर्देशक हैं। 'मिली' में वे लीड रोल में जान्हवी कपूर के साथ आए हैं।
आजकल ऐसी फिल्में कम ही देखने को मिलती है जो कम बजट कि लगती है पर देखने मे अच्छी हो | खासकर ' मिली' फिल्म को देखकर ये बात कह सकते है | ये कम बजट मे एक अच्छी फिल्म है जो परिवार के साथ बैठ कर खासकर बच्चे भी देख सकते है |
एक जरा सी लापरवाही क्या कर सकती है उसकी कहानी है 'मिली' जो उस लापरवाही के कारण जीतती है, या हारती है, उसे आप फिल्म देख कर ही महसूस करे तो बेहतर होगा | कई दृश्य काफी पीड़ादायक है और बच्चे घबरा जाते है पर उस दर्द को बयान करने का इससे अच्छा तरीका भी नहीं हो सकता जिससे मिली गुजर रही है |
कहानी एक छोटे से शहर देहरादून कि है जहा पर मिली अपने पिता के साथ रहती है और नर्सिंग कि पढ़ाई कर कनाडा जा कर अपने पिता के कर्ज और हालत को बेहतर करने के लिए संघर्ष कर रही है | अपने पिता का सिगरेट पीना और झूठ बोलना उसको पसंद नहीं है और घर के हालत को बेहतर बनाने के लिए पार्ट टाइम काम भी करती है |
कहानी एक समय तक सामान्य घर कि लगती है जब तक कि वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ घर वापस आते समय एक पुलिस वाले के तेवर का शिकार हो जाती है और उसको हवालात मे अपने पिता के सामने बॉय फ्रेंड कि हकीकत बतानी पड़ती है जो उस जैसे लड़की के इमेज के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है |
अपने पिता को समझाने के चक्कर मे वो अपने ऑफिस मे काम के चक्कर मे फंस जाती है और यही से शुरू होता है माइनस १७ से १८ डिग्री मे साधारण कपड़ों मे जीने का संघर्ष | हालाकी मिली कि शुरुआती हरकतें ये बताने के लिए काफी है कि वो एक असाधारण हिम्मती लड़की है जो जीवन के संघर्ष मे आसानी से हार नहीं मानेगी | पर अगर परिस्थितियाँ एक दम प्रतिकूल हो तो किसी का भी हौसला फेल हो सकता है |
निर्देशक ने उसके फ्रीजर मे संघर्ष कि कहानी को काफी अच्छे से कहा है और कभी कभी काफी ज्यादा सिहरन सी दौड़ जाती है जब उसे हारते देखते है, पर उसके अंदर जब भी थोड़ा सा हिम्मत दिखाई देता है तो दर्शकों के रोंगटे खड़े हो जाते है |
बोनी कपूर ने भी बहुत दिनों के बाद एक अच्छी फिल्म का निर्माण किया है | जान्हवी कपूर ने शायद स्टार बच्चों के सामने ये बात बड़ी गंभीरता से रख दी है कि अगर मेहनत कि जाए तो वो भी आम बच्चों कि तरह एक मजबूत किरदार बन सकते है | जान्हवी कपूर ने गुडलक जेरी के बाद एक अच्छा काम किया है | एक मध्यमवर्गीय परिवार कि बेटी के रूप मे उन्होंने अपनी छाप छोड़ी है | दुकान मे काम करते हुए जिस तरह से वो ग्राहक से डील करती है या फिर बॉस के सामने जो स्वाभाविक शॉट्स है वो उनको एक अच्छी अभिनेत्री के रूप मे स्थापित करता है |
कुल मिला कर ये एक अच्छी फिल्म है जो जान्हवी कपूर को उनके फिल्म करियर मे आगे बढ़ाने मे मदद करेगी |