महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने हिंदू, बौद्ध या सिख धर्म को छोड़कर किसी अन्य धर्म को अपनाया है और फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर आरक्षण का लाभ लिया है, तो उसकी जाति प्रमाणपत्र रद्द कर दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि संबंधित व्यक्ति ने सरकारी नौकरियों या अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया है, तो उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
साथ ही अगर किसी व्यक्ति ने आरक्षण का लाभ लेकर चुनाव लड़ा है, तो उनकी चुनावी वैधता भी खुद ही समाप्त हो जाएगी।
शुक्रवार को सदन में विधायक अमित गोरखे ने आरोप लगाया कि लोग धर्मांतरण के बावजूद आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं। इसके जवाब में मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि राज्य सरकार अब जल्द ही एक सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लाने की तैयारी में है।