मध्यप्रदेश में सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों को 21 साल तक ₹5000 हर महीने देने की बात कही।
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस की गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों को 21 साल तक ₹5000 हर महीने देने की बात कही।
बता दे कि श्रम विभाग ने सीएम कोविड-19 जन कल्याण योजना का आदेश जारी किया आदेश के मुताबिक संक्रमण से अनाथ बच्चों को 21 साल तक ₹5000 प्रतिमाह दिया जाएगा। परंतु योजनाओं में कुछ प्रपत्र लाना अनिवार्य होगा।
आपको बता दें कि इस योजना को सिर्फ 30 मार्च 2021 से 31 जुलाई तक के प्रभावी बच्चों के लिए लागू किया गया है इस अवधि के दौरान यदि बच्चा कोरोना की वजह से अनाथ हो जाता है, तो उसको इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
बता दें कि मध्य प्रदेश श्रम विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक कोरोनावायरस से संक्रमित शिकार होने वाले माता-पिता या अभिभावक की मौत होने पर अनाथ हुए बच्चे के पालन पोषण के लिए योजना का लाभ लेने के लिए शहरी क्षेत्र में नगर निगम साथ ही नगर पालिका या नगर परिषद के सीएमओ और ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत के सीईओ को आवेदन किया जाएगा।
इतना ही नहीं आपको बता दें कि पिछले दिनों सीएम शिवराज सिंह द्वारा की गई घोषणा के अनुसार पात्रता न होने के बाद भी हर माह राशन और पहली से पीएचडी तक निशुल्क शिक्षा देने का प्रविधान किया जा चुका है।
इसका लाभ एक मार्च 2020 के बाद कोरोना से मृत लोगों के आश्रित बच्चों को दिया जाएगा परंतु आपको बता दें कि इस फैसले में भी योजना का फायदा सिर्फ मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को ही मिलेगा। लाभ लेने के लिए आवेदन के साथ बर्थ सर्टिफिकेट कोरोना से माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु का मेडिकल बोर्ड से प्रमाण पत्र देना जरूरी होगा।
श्रम विभाग तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ मुख्य शर्ते रखी गई है जिन को पूरा करना अनिवार्य है। लाभ लेने के लिए शर्तें कुछ इस प्रकार है।
अभिभावक या माता-पिता की कोरोना से तुरंत या ठीक होने के दो माह के भीतर मृत्यु हुई हो।
RT-PCR रैपिड एंटीजन टेस्ट और सिटी स्कैन के आधार पर डॉक्टर द्वारा कोरोना की पुष्टि की गई हो।
शून्य से 21 वर्ष तक के बच्चे ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। 21 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिये ये योजना लागू नहीं होगी।
कोरोना से मरने वाले व्यक्ति के परिवार में पहले से किसी को सरकारी पेंशन न मिलती हो।
सीएम कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के तहत लाभ न मिला हो।
इसी के साथ सीएम जन कल्याण योजना के तहत बच्चों को मिलने वाले लाभों में कुछ इस प्रकार के लाभ शामिल हैं।
पहली कक्षा से लेकर पीएचडी करने तक निशुल्क शिक्षा प्रदान कराई जाएगी।
कक्षा 8वीं तक प्राइवेट स्कूलों में आरटीआई के तहत एडमीशन, लेकिन 9वीं या उसके आगे प्राइवेट स्कूलों की पात्रता नहीं होगी।
उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा संस्थान ऐसे विद्यार्थियों से प्रवेश शुल्क नहीं लेंगे।
स्कॉलरशिप मिलेगी। सरकार सिर्फ शिक्षण शुल्क ही देगी।
पढ़ाई के दौरान 10 माह तक हर महीने 1500 गुजारा भत्ता दिया जाएगा।
पीजी की पढ़ाई के दौरान नगर निगम क्षेत्र में 500 और नगर पालिका क्षेत्र में 300 रुपये परिवहन भत्ता दिया जाएगा।
अनाथ बच्चों का अस्तित्व लगभग समाप्त होने के बाद अब सरकार के इस कदम द्वारा उनके एक उज्जवल भविष्य की कामना की जा सकती है।
नेहा शाह