ब्रेकिंग न्यूज सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश - अब महिलाएं राष्ट्रीय रक्षा अकादमी ( एनडीए) की प्रवेश परीक्षा में होंगी शामिल
सुप्रीम कोर्ट बड़ा आदेश देते हुए कहा कि महिलाएं राष्ट्रीय रक्षा अकादमी यानी एनडीए की प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकती हैं। बता दे की जस्टिस संजय किशन कौल और हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने बुधवार को कुश कालरा द्वारा दायर रिट याचिका में अंतरिम आदेश पारित किया। जिसमे महिला उम्मीदवारों को एनडीए परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग की गई थी।
आपको बता दें कि याचिका में कहा गया है कि महिलाओं को परीक्षा में ना बैठने देना भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16 और 19 का उल्लंघन है। इतना ही नहीं याचिका में कहा गया है कि अधिकारी बारहवीं परीक्षा पास अविवाहित पुरुष उम्मीदवारों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी एवं नौसेना अकादमी की परीक्षा में बैठने की अनुमति देते हैं लेकिन योग्य एवं इच्छुक महिला उम्मीदवारों को परीक्षा देने की अनुमति महज लिंग के आधार पर नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें संविधान के तहत कोई उचित कारण भी नहीं दिए जाते हैं।
याचिका में याचिकाकर्ता का पक्ष सीनियर एडवोकेट चिन्मय प्रदीप शर्मा ने अधिवक्ता मोहित पॉल, सुनैना और इरफान हसीब के साथ रखा। उन्होंने कहा कि योग्य और इच्छुक महिला उम्मीदवारों को उनके लिंग के आधार पर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश के अवसर से वंचित किया जा रहा है।
गौरतलब है कि 10+2 स्तर की शिक्षा हासिल करने वाली महिला उम्मीदवारों को उनके लिंग के आधार पर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा देने के अवसर से वंचित कर दिया जाता है. फलस्वरूप पात्र महिला उम्मीदवारों के प्रवेश पाने का कोई तरीका नहीं है जबकि समान शिक्षा हासिल करने वाले पुरुष उम्मीदवारों को परीक्षा देने का अवसर मिलता है। योग्य पाए जाने के बाद वह NDA में शामिल हो जाते हैैं।
इतना ही नहीं आपको बता दें की याचिका में यह भी कहा गया है कि महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षित ना करना और देश के सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन अधिकारियों के रूप में केवल लिंग के आधार पर नियुक्ति देने से मना करना मौलिक अधिकार का हनन है और यह भारतीय संविधान के दायरे में न्यायोचित नहीं है।
नेहा शाह