आज, 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 संसद में पेश किया। इस बजट में 'सबका विकास' के लक्ष्य के साथ भारत के हर क्षेत्र के संतुलित विकास पर ध्यान दिया गया है।
बजट में विशेष रूप से गरीबी उन्मूलन, सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, और रोजगार के अवसरों पर जोर दिया गया है। खासतौर पर कृषि, MSME, निवेश, और निर्यात को विकास के प्रमुख इंजन के रूप में देखा गया है।
कृषि: 100 जिलों में 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' के तहत उत्पादन और भंडारण सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, दालों में आत्मनिर्भरता लाने के लिए छह साल का अभियान शुरू किया जाएगा।
एमएसएमई: इस बजट में एमएसएमई के लिए निवेश और कारोबार की सीमा दोगुनी की गई है, और अनुसूचित जाति और जनजाति की महिला उद्यमियों के लिए विशेष ऋण योजना का ऐलान किया गया है।
निवेश: 50,000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं सरकारी विद्यालयों में स्थापित की जाएंगी, और ग्रामीण इलाकों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी दी जाएगी। साथ ही, 20,000 करोड़ रुपये की राशि से अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
निर्यात: 'भारत ट्रेडनेट' नामक एक डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू किया जाएगा, जो व्यापार दस्तावेज़ीकरण और वित्तपोषण में मदद करेगा।
वित्तीय क्षेत्र सुधार: एफडीआई सीमा बढ़ाकर 74% से 100% की जाएगी, जिससे विदेशी निवेश बढ़ने की उम्मीद है।
राजकोषीय सुदृढ़ीकरण: अगले छह वर्षों में राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखने की योजना है, और 2025-26 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।