जहां दूसरों से उम्मीद खत्म हो जाती है, वहीं से मोदी की गारंटी शुरू हो जाती है - प्रधानमंत्री
विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंतर्गत आज देशव्यापी वृहद आयोजन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आतिथ्य में हुआ। श्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से बातचीत की। उन्होंने प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र का शुभारंभ किया। साथ ही एम्स, देवघर में ऐतिहासिक 10,000वें जन औषधि केंद्र का लोकार्पण किया एवं देश में जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 25,000 करने का कार्यक्रम भी लांच किया। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्वागत भाषण दिया। भारत सरकार के विकसित भारत संकल्प यात्रा के इस कार्यक्रम से देशभर में लाखों युवा, महिलाएं, किसानों सहित विभिन्न वर्गों के लोग जुड़े। विभिन्न स्थानों पर राज्यपाल, उप राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्र व राज्यों के मंत्रीगण, सांसद-विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा को 15 दिन पूरे हो रहे हैं, अब इसने गति पकड़ ली है। लोगों के स्नेह व भागीदारी को देखते हुए इसका नाम 'विकास रथ' से बदलकर 'मोदी की गारंटी वाली गाड़ी' कर दिया गया, प्रधानमंत्री ने सरकार में विश्वास के लिए नागरिकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने झारखंड के देवघर, ओडिशा के रायगढ़ा, आंध्र प्रदेश के प्रकाशम, अरुणाचल प्रदेश के नामसाई व जम्मू-कश्मीर के अरनिया के लाभार्थियों से बातचीत करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनकी भावना, उत्साह व संकल्प की सराहना की। 'मोदी की गारंटी गाड़ी' अब तक 12,000 से अधिक ग्राम पंचायतों तक पहुंच चुकी है, जहां लगभग 30 लाख नागरिक इससे जुड़ चुके हैं। उन्होंने इसमें महिलाओं की भागीदारी की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हरेक गांव का प्रत्येक व्यक्ति विकास का अर्थ समझता है। यह यात्रा सरकारी पहल से सार्वजनिक आंदोलन में बदल गई है। नए-पुराने लाभार्थियों और यात्रा से जुड़े लोगों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए श्री मोदी ने उनसे नमो ऐप पर ऐसी तस्वीरें व वीडियो अपलोड करने का आग्रह किया और कहा कि मैं दैनिक आधार पर इसे देखता हूँ।
उन्होंने कहा कि युवा विकसित भारत संकल्प यात्रा के राजदूत बन गए हैं। भारत अब अजेय है। ये भारत के लोग ही हैं, जिन्होंने इसे एक विकसित राष्ट्र बनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने हाल ही के त्योहारी सीजन में 'वोकल फॉर लोकल' को बढ़ावा देने का भी जिक्र किया। उन्होंने रेखांकित किया कि वर्तमान सरकार ने खराब शासन को सुशासन में बदल दिया है और संतृप्ति हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार द्वारा नागरिकों की जरूरतों को पहचानने और उन्हें उनके अधिकार देने के प्राकृतिक न्याय-सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के दृष्टिकोण के कारण नई आकांक्षा पैदा हुई है और करोड़ों नागरिकों के बीच उपेक्षा की भावना समाप्त हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां पर दूसरों से उम्मीद खत्म हो जाती हैं, वहीं से मोदी की गारंटी शुरू हो जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत का संकल्प मोदी या किसी सरकार का नहीं है, यह सभी को विकास के पथ पर साथ लेकर चलने का संकल्प है। विकसित भारत संकल्प यात्रा का उद्देश्य सरकारी योजनाओं और लाभ को उन लोगों तक पहुंचाना है, जो पीछे रह गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वह नमो ऐप पर विकास की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।
उन्होंने युवाओं से मेरा भारत स्वयंसेवक के रूप में पंजीकरण करने व मेरा भारत अभियान में शामिल होने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा विकसित भारत के लिए 4 जातियों पर आधारित है, ये हैं- नारी शक्ति, युवा शक्ति, किसान और गरीब परिवार। इन चारों जातियों की प्रगति होगी, जिससे भारत विकसित देश बनेगा। सरकार गरीबों का जीवन स्तर सुधारने, गरीबी दूर करने, युवाओं के लिए रोजगार-स्वरोजगार के अवसर पैदा करने, महिलाओं को सशक्त बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सतत काम कर रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि इन चारों जातियों को मुश्किलों से उबारने तक मैं चैन से बैठने वाला नहीं हूं। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चल रहे अभियान को ड्रोन दीदी से मजबूती मिलेगी, आय के अतिरिक्त साधन उपलब्ध होंगे। इससे किसानों को बहुत कम कीमत पर ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक मिल सकेगी, जिससे समय, दवा, उर्वरक की बचत होगी।
श्री मोदी ने 10,000वें जन औषधि केंद्र के उद्घाटन का जिक्र करते हुए कहा कि यह गरीबों-मध्यम वर्ग के लिए सस्ती दरों पर दवाएं खरीदने का केंद्र बन गया है। जन औषधि केंद्रों को अब 'मोदी की दवा की दुकान' कहा जा रहा है, उन्होंने नागरिकों को उनके स्नेह के लिए धन्यवाद देते हुए बताया कि ऐसे केंद्रों पर लगभग 2,000 प्रकार की दवाएं 80 से 90 प्रतिशत छूट पर बेची जाती हैं। उन्होंने खुशी जताई कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री ने इस पूरे अभियान को शुरू करने में पूरी सरकारी मशीनरी व कर्मचारियों के महत्व पर प्रकाश डाला, साथ ही ग्राम स्वराज अभियान की सफलता को भी याद किया, जो देश के लगभग 60 हजार गांवों में दो चरणों में चलाया गया था और सात योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाया गया था।
आकांक्षी जिलों के हजारों गांव भी इसमें शामिल थे। उन्होंने देश-समाज सेवा के अभियान में शामिल सरकारी प्रतिनिधियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पूरी ईमानदारी से डटे रहो, गांव-गांव पहुंचते रहो। विकसित भारत संकल्प यात्रा सबके प्रयासों से ही पूरी होगी।
गाजियाबाद के कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आजादी के बाद अनेक प्रधानमंत्रियों ने देश का कामकाज चलाया, देश को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन 2014 में जब प्रधानमंत्री के रूप में श्री मोदी ने कामकाज संभाला, तब से देश को आगे बढ़ाने का जज्बा, पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता, गरीबों के प्रति संवेदनशीलता के लिए उनकी जितनी प्रशंसा की जाएं, कम है। सामान्य तौर पर सरकारें योजनाएं बनाती हैं, घोषणाएं करती हैं, लेकिन क्रियान्वयन पर जरूरत के हिसाब से ध्यान नहीं दिया जाता। यह प्रधानमंत्री श्री मोदी की संवदेनशीलता का ही परिचायक है कि वे एक ओर योजनाओं की कल्पना करते हैं, सृजन करते हैं फिर शत-प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए भी परिश्रम करते हैं।
विकसित भारत संकल्प यात्रा इसी का उदाहरण है। यह कार्यक्रम सिर्फ लाभार्थियों को लाभ वितरित करने तक सीमित नहीं है। प्रधानमंत्री की कल्पना है कि 2047 तक देश विकसित भारत के रूप में तब्दील हो। यह एक बड़ा व व्यापक अभियान है। इस अभियान से देश का हरेक नागरिक, सभी वर्ग के लोग जुड़कर आगे बढऩे का प्रयास करेंगे तो आने वाले कल में हमारा देश वैश्विक मानचित्र में श्रेष्ठ भारत के रूप में स्थापित हो सकेगा। विकसित भारत संकल्प यात्रा को संचालित करने करीब 3 हजार वाहन रथ के रूप में उपलब्ध कराए गए हैं, जो प्रतिदिन लगभग छह हजार गांवों में पहुंचेंगे। नवंबर में शुरू हुई यात्रा 26 जनवरी तक चलेगी।
श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि गरीबों के जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए बनी योजनाएं आम जनता तक पहुंचे व पात्र लोगों को इनका लाभ मिले, इसका प्रयास भी प्रधानमंत्री इस यात्रा के माध्यम से करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने विकास की दौड़ में पिछड़े जिलों का चयन कर आकांक्षी जिले नाम दिया, ताकि वे अन्य की बराबरी पर आ सकें। आदिवासियों को न्याय व मौलिक सुविधाओं को उन तक पहुंचाने के लिए योजनाएं शुरू की। प्रधानमंत्री श्री मोदी जो कहते हैं, उसे धरती पर उतारने के लिए भी प्रयास करते हैं। 15 अगस्त को भाषण में उन्होंने कहा था कि ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र में तकनीकी-प्रौद्योगिकी को सरकार बढ़ावा देगी। महिलाओं को 15 हजार ड्रोन उपलब्ध कराएंगे। इन ड्रोन दीदी के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण होगा, वे आत्मनिर्भर बनेगी, रोजगार सृजन से उनकी आजीविका बेहतर होगी।
साथ ही खेती में ड्रोन का उपयोग बढऩे से खेती भी उन्नत होगी। आज इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। 15 अगस्त को उन्होंने यह भी कहा था कि देश में 10 हजार जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। आज देवघर में 10 हजारवें केंद्र के शुभारंभ के साथ ही आगे जन औषधि केंद्रों की संख्या 25 हजार तक की जाएगी।
जन औषधि केंद्र के बारे में सब जानते हैं कि आमतौर पर जो दवा बाजार में 100 रुपए की मिलती है वह इन केंद्र पर करीब आधी कीमत में मिल जाती है, कुछ दवाइयां तो 10 रुपए में ही मिल जाती हैं। जबसे इनकी शुरुआत हुई है, दवाइयों पर आमजन का लाखों रुपए का खर्चा कम हुआ है व इस राशि का उपयोग लोग दूसरे कामों में कर रहे हैं। देश में 25 हजार जन औषधि केंद्र हो जाएंगे, तो देशवासियों को बड़ी सुविधा मिलेगी, इसका फायदा जनता को होगा।
श्री तोमर ने कहा कि देशभर में करीब 90 लाख स्वयं सहायता समूहों से लगभग 10 करोड़ बहनें जुड़ी हुई हैं, जो न सिर्फ अपने जीवन में बदलाव ला रही हैं बल्कि समाज सेवा और गांवों के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। उनकी क्षमता बढ़ाने व आजीविका बेहतर करने के लिए ड्रोन दीदी कार्यक्रम की कल्पना अद्भुत है। यूरिया, डीएपी व पेस्टीसाइड का जब खेतों में छिड़काव होता है तो शरीर पर इसका प्रभाव पड़ता है। साथ ही कहीं ज्यादा तो कहीं कम छिड़काव जैसा असंतुलन भी बना रहता है, लेकिन जब ड्रोन का उपयोग बढ़ जाएगा तो शरीर पर दुष्प्रभाव कम होगा और उर्वरक की खपत भी कम होगी।
विकल्प के रूप में नैनो यूरिया, नैनो डीएपी का उपयोग भी बढ़ेगा। केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में किसान सम्मान निधि के माध्यम से 2.80 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि 15 किस्तों में देश के करीब 11 करोड़ किसानों के खातों में दी जा चुकी हैं। उज्जवला योजना के माध्यम से 9 करोड़ से अधिक बहनों को मुफ्त में रसोई गैस सिलेंडर देने का काम हुआ है। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से देश के 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त खाद्यान्न देने का काम किया जा रहा है जो दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया से मांगने वाला नहीं, बल्कि देने वाला देश बन गया। दुनिया का बड़ा हिस्सा आज भारत की ओर सहायता की दृष्टि से देखता है।