मध्य प्रदेश में अगले माह छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने वाला है। भाजपा इस चुनाव में जीत के लिए खास रणनीति पर काम कर रही है। हर बूथ को मजबूत करने के साथ पार्टी ने लाभार्थी वोट बैंक के सहारे जीत हासिल करने की रणनीति बनाई है।
लोकसभा चुनाव होने के बाद राज्य में पहला चुनाव अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव होगा। इस उपचुनाव का परिणाम सियासी तौर पर बड़ा मायने रखता है। यही कारण है कि भाजपा ने यहां अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पूरा जोर लगा रखा है।
अमरवाड़ा में भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने डेरा डाल रखा है। वह लगातार बैठकों का दौर जारी रखे हुए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की भी इस चुनाव पर खास नजर है। भाजपा वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में हारी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में उसे 15 हजार वोटों की बढ़त मिली थी। अब पार्टी ने उपचुनाव में जीत का अंतर 51 हजार करने का लक्ष्य रखा है।
भाजपा ने उपचुनाव के मद्देनजर जो रणनीति बनाई है, उसके मुताबिक बूथ स्तर को तो मजबूत किया ही जा रहा है, लाभार्थी वोट बैंक तक गहरी पैठ बनाने की तैयारी है। यह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित विधानसभा है और यहां इस वर्ग के मतदाताओं की बहुतायत है। इसीलिए, भाजपा की ओर से लगातार दावा किया जाता रहा है कि छिंदवाड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना के लाभार्थियों का गढ़ है। भाजपा को लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत मिली है और अब पार्टी अमरवाड़ा उपचुनाव भी जीतने की तैयारी में लगी हुई है।
अमरवाड़ा विधानसभा सीट के लिए अब तक 14 चुनाव हुए हैं। इनमें 11 बार कांग्रेस को जीत मिली है। इसके अलावा दो बार भाजपा और एक बार जनसंघ का उम्मीदवार जीता है। यहां 10 जुलाई को मतदान होना है।