कानपुर कांड: पत्नी-बेटी-दो बेटे और बकरी के साथ DM ऑफिस पहुंचे थे कृष्णगोपाल, काश सुन ली होती गुहार...
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में बुलडोजर एक्शन के दौरान मां-बेटी की जलकर हुई मौत के मामले में एक नया वीडियो सामने आया है. 13 जनवरी को घर पर बुलडोजर चलने के बाद कृष्णगोपाल दीक्षित अपनी पत्नी, बेटी, दो बेटे और एक बकरी के साथ 14 जनवरी को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे थे. डीएम ने पीड़ित परिवार से मुलाकात नहीं की.
कृष्णगोपाल दीक्षित अपनी पत्नी, बेटी, दो बेटे और एक बकरी के साथ
उन्होंने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई थी. और पीड़ित परिवार के खिलाफ ही जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचकर हंगामा करने का मुकदमा दर्ज करा दिया गया था. इस परिवार पर लिखा गया यह पहला मुकदमा नहीं था. इससे पहले भी एक मुकदमा मैथा तहसील प्रशासन ने दर्ज कराया था. बुलडोजर एक्शन से परेशान परिवार डीएम के पास गुहार लगा रहा था. तब जिलाधिकारी ने उनकी एक न सुनी जबकि पीड़ित परिवार कार्यालय पर ही रातभर बैठा रहा. कुछ देर बाद एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद मौके पर पहुंचे. इसी दौरान प्रमिला ने कहा था कि मेरे पास कोई घर नहीं है . फिर पुलिसकर्मियों को बुलाया गया और सबको थाने ले जाने लगे.
13 जनवरी को मड़ौली गांव में जब पीड़ित परिवार का घर बुलडोजर से गिराया गया. तभी लेखपाल अशोक सिंह ने रूरा थाने में पीड़ित परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. 14 जनवरी को भी अकबरपुर तहसीलदार रणविजय ने उन पर मुकदमा दर्ज करवाया था. इस बीच दीक्षित परिवार न्याय की आस में भटक रहा था. और बकरियों के लिए बनाए गए झोपड़ी में रह रहा था.
13 फरवरी को एक बार एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद की अगुवाई में प्रशासन की टीम पहुंची और झोपड़ी पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई शुरू की गई. इसी दौरान लगी आग में झुलसकर मां-बेटी की मौत हो गई.
मां-बेटी की मौत का मामला तूल पकड़ा तो एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, एसएचओ रूरा दिनेश कुमार गौतम को निलंबित कर दिया गया है. जबकि लेखपाल अशोक सिंह और जेसीबी ड्राइवर दीपक को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है,
[मनीष सिंह]