बाबरी की जिद अभी भी बरक़रार
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद एक ओर जहा बहुत सारे मुश्लिम संगठन इसे ख़त्म मान रहे है वही दूसरी ओर इस मुद्दे को पुनः जीवित करने का प्रयास कर रहे है...


सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद एक ओर जहा बहुत सारे मुश्लिम संगठन इसे ख़त्म मान रहे है वही दूसरी ओर इस मुद्दे को पुनः जीवित करने का प्रयास कर रहे है...
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद एक ओर जहा बहुत सारे मुश्लिम संगठन इसे ख़त्म मान रहे है वही दूसरी ओर इस मुद्दे को पुनः जीवित करने का प्रयास कर रहे है |
बड़ी मुश्किल से भारत में इस मुद्दे को लेकर शांति बरकरार है जिसे शायद कुछ लोगो को हजम नहीं हो रहा है |
https://twitter.com/thewirehindi/status/1194272050610921472
अब ये बात चलने लगी है कि सरकार ने जो ६७ एकड़ जमीन अधिग्रहित की थी उसी में से जमीन दो जाये जो बिल्कुल भी जायज नहीं है |
भारत के ज्यादातर अमन पसंद मुश्ल्मान बाबर के साथ अपने आप को नहीं जोड़ना चाहेंगे पर कई ऐसे खुराफाती तत्व है जो इसे मुद्दा बना कर असंतोष बनाये रखना चाहते है|
भारत एक ऐसा देश है जहा सैकड़ो -हजारो नहीं लाखो की संख्या में मस्जिद होगी पर इस को लेकर इतना तनाव पैदा करना और ये कहना कि मस्जिद के बदले मस्जिद ही चाहिय तो वो लोगो सऊदी और पाकिस्तान में ही जाकर देख ले की सैकड़ो मस्जिदों को तोड़ कर न जाने कितने इमारतो को खड़ा कर दिया गया है |
आधुनिक भारत में इस तरह की मांग और जिद्दी रुख कही से भी प्रासंगिक नहीं है | अगर दूसरा पक्ष भी अड़ जाए तो भारत में शांति ही भंग हो जायेगी |
इन लोगो पर कड़ी कारवाई की जानी चहिये और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करने वाले लोगो को कानून का पालन करवाना चाहिए |
सरकार को दोनों ही पक्ष के शरारती तत्वों को बुलाकर समझा देना चाहिए कि भारत के शांति के साथ कोई समझौता नहीं होगा और अगर किसी ने किसी भी प्रकार की हिमाकत की तो उसका घर जेलखाना ही होगा |