नीतिगत ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं, जाने क्या बोले आरबीआई गवर्नर
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति की बैठक के नतीजे आ गए हैं। आरबीआई ने एक बार फिर रेपो रेट को स्थिर रखा है। रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर है। इसका मतलब...
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति की बैठक के नतीजे आ गए हैं। आरबीआई ने एक बार फिर रेपो रेट को स्थिर रखा है। रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर है। इसका मतलब...
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भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति की बैठक के नतीजे आ गए हैं। आरबीआई ने एक बार फिर रेपो रेट को स्थिर रखा है। रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर है। इसका मतलब ये हुआ कि आपकी बैंक की ईएमआई नहीं घटेगी। दरअसल, रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव होता है। बैंक ब्याज दर में कटौती करते हैं तो ईएमआई भी कम हो जाती है।
यह संभावना पहले ही जताई जा रही थी कि आज भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रिवर्स रेपो रेट में कोई बड़ा बदलाव नहीं करेगा। बैंकिंग सेक्टर से जुड़े जानकारों व शोध एजेंसियों ने कहा है कि बढ़ती महंगाई के कारण MPC द्वारा कम से कम 5-6 महीनों तक ब्याज दरों को स्थिर रखा जा सकता है क्योंकि कोरोना की लहर से अर्थव्यवस्था को उबारा जा सके और लोगों को थोड़ी राहत दी जा सके।
वहीं इस बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, वित्त वर्ष 2021-2022 में सीपीआई 5.7 फीसदी रह सकती है। 2022-23 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.1 फीसदी अनुमानित है। दूसरी तिमाही में महंगाई दर 5.9 फीसदी रह सकती है, तीसरी तिमाही में 5.3 और चौथी तिमाही में यह 5.8 फीसदी हो सकती है।