तीन दशक बाद चीन ने भारत से खरीदा चावल, राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दी जानकारी......

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तीन दशक बाद चीन ने भारत से खरीदा चावल, राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दी जानकारी......


पूर्वी लद्दाख ( Eastern Ladakh) में भारत और चीन (India-China) के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच एक अच्छी खबर आई है। चीन ने कम से कम तीन दशकों में पहली बार भारतीय चावल का आयात करना शुरू कर दिया है। भारतीय उद्योग के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी Reuters को यह जानकारी दी। बता दें कि भारत चावल का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश है और चीन सबसे बड़ा आयातक है। बीजिंग सालाना लगभग 4 मिलियन टन चावल का आयात करता है, लेकिन गुणवत्ता के मुद्दों का हवाला देते हुए भारतीय चावल को खरीदने से बचता है। चीन ने यह फैसला ऐसे समय किया है, जब लद्दाख समेत अन्य सीमावर्ती इलाकों में सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के बीच पिछले कई महीनों से राजनीतिक तनाव बना हुआ है।

राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बीवी कृष्ण राव ने कहा, "पहली बार चीन ने चावल की खरीददारी की है। भारतीय फसल की गुणवत्ता को देखते हुए वे अगले साल खरीददारी बढ़ा सकते हैं।" उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि व्यापारियों ने दिसंबर-फरवरी के लदान के लिए 100,000 टन टूटे चावल का निर्यात लगभग 300 डॉलर प्रति टन करने का अनुबंध किया है। चावल व्यापार अधिकारियों के अनुसार, थाईलैंड, वियतनाम, म्यांमार और पाकिस्तान जैसे चीन को अभी तक चावल बेचते थे, लेकिन यह देश भारतीय कीमतों की तुलना में कम से कम $30 प्रति टन अधिक ले रहे थे। गौरतलब है कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच जून में हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन के 40 जवान मारे गए थे। इसके बाद से सीमा पर लगातार गतिरोध बना हुआ है। भारत की तरफ से चीन का सामना करने और उसको किसी भी विपरीत परिस्थिति में माकूल जवाब देने की तैयारी भी की गई है।

शिवांग

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