भारत श्रीलंका की सुरक्षा संबंधी चुनौतियों तथा समुद्री क्षेत्र की रक्षा के संदर्भ में सहयोग करने के लिए तैयार
कोलंबो, 06 जनवरी (हि.स.)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणवर्धने के साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग समेत अन्य बिंदुओं पर...
कोलंबो, 06 जनवरी (हि.स.)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणवर्धने के साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग समेत अन्य बिंदुओं पर...
कोलंबो, 06 जनवरी (हि.स.)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणवर्धने के साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग समेत अन्य बिंदुओं पर बुधवार को विचार-विमर्श किया। जयशंकर ने श्रीलंका को भरोसा दिलाया कि भारत उसे सुरक्षा संबंधी चुनौतियों तथा समुद्री क्षेत्र की रक्षा के संदर्भ में उसकी क्षमता बढ़ाने में सहयोग करने के लिए तैयार है।
विचार-विमर्श के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने श्रीलंकाई समकक्ष गुणवर्धने के साथ; संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित किया। श्रीलंका के विदेश मंत्री ने कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए उसे उपलब्ध कराई गई सहायता के लिए राष्ट्रपति और जनता की ओर से भारत के प्रति आभार जताया है। तीन दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को श्रीलंका पहुंचे विदेश मंत्री ने राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे से भी मुलाकात की।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाभाया ने वीडियो लिंक के जरिए शिखरवार्ता को संबोधित किया था।
विदेश मंत्रियों की बैठक में शिखरवार्ता के एजेंडे को आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया गया। जयशंकर ने कहा कि भारत के उद्यमी श्रीलंका में निवेश करने के इच्छुक हैं। श्रीलंका के विशेष आर्थिक जोन में औषधि उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय सहयोग पर भी चर्चा हुई। विदेश मंत्री ने भारतीय मछुआरों से जुड़ी समस्याओं और श्रीलंका के सुरक्षा बलों द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी का मामला भी उठाया तथा इसे सुलझाने पर जोर दिया।
श्रीलंका के तमिल अल्पसंख्यकों के अधिकारों के संबंध में विदेश मंत्री ने समुद्री पड़ोसी से आग्रह किया कि वह समुदाय की आशा और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए कारगर कदम उठाए। भारत ने तमिलों के राजनीतिक अधिकारों के संबंध में संवैधानिक प्रावधानों को भी कारगर तरीके से लागू करने पर जोर दिया।
कोरोना महामारी से उत्पन्न समस्याओं पर भी दोनों देशों ने विचार-विमर्श किया। भारत ने पड़ोसी देश को भरोसा दिलाया कि वह पड़ोसियों को प्राथमिकता देने की अपनी नीति के तहत महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हर संभव सहायता देगा।
हिन्दुस्थान समाचार/अनूप