केन्द्रीय कर्मचारियों को मिल सकता है नए साल का तोहफा , बढ़ेगा महंगाई भत्ता

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केन्द्रीय कर्मचारियों को मिल सकता है नए साल का तोहफा , बढ़ेगा महंगाई भत्ता

केन्द्रीय कर्मचारियों को अगले साल महंगाई भत्ते मे काफी लाभ मिल सकता है | सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई से बचाने के लिए भत्ता देती है. बढ़ती महंगाई की वजह से इसे बढ़ाना पड़ता है. साल में इसे दो बार यानी जनवरी और जुलाई में कैलकुलेट किया जाता है. शहरी, अर्द्धशहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से डीए अलग-अलग होता है. आइए जानते हैं इसे कैलकुलेट कैसे किया जाता है.

सरकार ने 2006 में डीए कैलकुलेट के फॉर्मूले में बदलाव किया था और अब इस फॉर्मूले के आधार पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए डीए कैलकुलेट होता है-

{पिछले 12 महीनों का औसत ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स ( बेस ईयर-2001=100-115.76/115.76}X100. सेंट्रल पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों के लिए फॉर्मूला इस तरह है- { 3 महीनों का ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स का औसत ( बेस ईयर-2001=100-126.33/126.33}स१००

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ता की गणना कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर हर छह महीने पर होता है.

कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स क्या है?

केंद्र सरकार डीए की गणना कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित खुदरा महंगाई दर के आधार पर करती है . खुदरा महंगाई दर सीधे तौर पर आम लोगों को प्रभावित करती है इसलिए डीए की गणना इसी आधार पर तय होती है.

कैसे शुरू हुआ महंगाई भत्ता

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सैनिकों को खाने और दूसरी सुविधाओं के लिए तनख्वाह से अलग यह पैसा दिया जाता था. उस वक्त इसे खाद्य महंगाई भत्ता या डियरनेस फूड अलाउंस (Dearness food allowance) कहा जाता था.

भारत में मुंबई से 1972 में सबसे पहले महंगाई भत्ते देने की शुरुआत हुई थी. इसके बाद केंद्र सरकार के सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाने लगा.

अब पिछले साल का खुदरा महंगाई दर अधिक होने के कारण एक अनुमान के अनुसार अगले साल सरकार चार प्रतिशत महंगाई भत्ते कि घोषणा कर सकती है जिसे जनवरी २०२३ से केन्द्रीय कर्मचारियों को दिया जाएगा |

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