भारत में बने टेलीकॉम उपकरणों का 100 देशों में हो रहा निर्यात
भारत में बने टेलीकॉम उपकरणों का निर्यात अब 100 से ज्यादा देशों में किया जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई है। पिछले वर्ष भारत से 18.2...
भारत में बने टेलीकॉम उपकरणों का निर्यात अब 100 से ज्यादा देशों में किया जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई है। पिछले वर्ष भारत से 18.2...
भारत में बने टेलीकॉम उपकरणों का निर्यात अब 100 से ज्यादा देशों में किया जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई है।
पिछले वर्ष भारत से 18.2 अरब डॉलर के टेलीकॉम उपकरण और सर्विसेज का निर्यात किया गया था।
दूरसंचार विभाग के तहत आने वाले डिजिटल संचार आयोग में सदस्य (टेक्नोलॉजी) मधु अरोड़ा ने कहा कि कई घरेलू टेलीकॉम कंपनियों ने अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद भी उपकरण बेचने में सफलता प्राप्त की है।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना की ओर से हाल ही में घरेलू स्तर पर विकसित किया हुआ चिप आधारित 4जी मोबाइल बेस स्टेशन एकीकृत किया गया है, जिसे हमारी आरएंडडी फर्म की ओर से बनाया गया था।
राष्ट्रीय राजधानी में हुए डिफेंस सेक्टर आईसीटी कॉन्क्लेव में अरोड़ा ने कहा कि इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) डिफेंस ऑपरेशन की रीढ़ की हड्डी है।
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि मंत्रालय की ओर से आईसीटी सेक्टर में अफ्रीका के साथ सहयोग बढ़ाने को लेकर काम किया जा रहा है।
भारत, अफ्रीका के टॉप पांच निवेशकों में से एक है। अब तक 75 अरब डॉलर का निवेश अलग-अलग अफ्रीकी देशों में किया जा चुका है। कई भारतीय कंपनियां अफ्रीका में डिजिटल बदलाव का नेतृत्व कर रही हैं।
टेलीकॉम इक्विपमेंट एंड सर्विसेज एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (टीईपीसी) के कार्यकारी चेयरमैन संदीप अग्रवाल ने कहा कि आईसीटी भारत की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने के लिए काफी जरूरी है।
भारत, अफ्रीका के साथ काफी लंबे समय से सहयोग कर रहा है और उसकी संप्रभुता का भी सम्मान करता है। इस कारण अफ्रीका के लिए एक विश्वसनीय साझेदार है।
अग्रवाल ने आगे कहा कि डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में हमारी कार्यकुशलता हमारी सेना को पूर्वानुमानित अंतर्दृष्टि और कार्रवाई योग्य इंटेलिजेंस उपलब्ध कराता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता और ऑपरेशन को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।