सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर ट्विटर ने 18 जून को बुलाई आईटी अधिकारियों के साथ अहम बैठक टूल किट मुद्दे पर भी होगी चर्चा।

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सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर ट्विटर ने 18 जून को बुलाई आईटी अधिकारियों के साथ अहम बैठक टूल किट मुद्दे पर भी होगी चर्चा।
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इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी की संसदीय पैनल ने ट्विटर और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग की रोकथाम पर चर्चा करने के लिए 18 जून को पेश होने के लिए कहा है। इस दौरान बताया जा रहा है कि कांग्रेस टूल किट का मुद्दा भी उठाया जा सकता है।

आपको बता दें कि टूल किट का मामला कुछ डॉक्यूमेंट से संबंधित है जिसको लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की ओर से कांग्रेस पर आरोप लगाया जा रहा है कि कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रही है, हालांकि विपक्षी दल ने कहा कि दस्तावेज फर्जी है। जिसके बाद ट्विटर के कुछ नेताओं ने दस्तावेज टूलकिट को तोड़ मरोड़ कर पेश किया।

इस बारे में बताया जा रहा है कि पैनल के सभी सदस्य टूल किट के मुद्दे पर भी सही स्पष्टीकरण चाहते हैं। बैठक का कार्यक्रम और एजेंडा लोकसभा की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। मार्च में कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत के बाद से यह पहली बार है जब पैनल बैठक करेगा। पैनल की आखिरी बैठक 16 मार्च को हुई थी।

यदि टूल किट मामले की बात करें तो यह मुद्दा तब शुरू हुआ जब ट्विटर ने बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और राज्यसभा सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे और पार्टी की राष्ट्रीय सोशल मीडिया प्रभारी प्रीति गांधी सहित भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं की 18 मई की पोस्ट को मैनिपुलेटेड मीडिया बता डाला।

जिसके बाद बीजेपी ने आरोप लगाया था कि टूलकिट का उद्देश्य भारत सरकार द्वारा कोविड-19 की दूसरी लहर और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से निपटने के लिए एक पक्षपाती आख्यान बनाना था। बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, ​​​​रविशंकर प्रसाद, हरदीप पुरी, अनुराग ठाकुर, पीयूष गोयल सहित बीजेपी के कई शीर्ष नेताओं ने पात्रा के ट्वीट को आगे बढ़ाया था।

इतना ही नहीं आपको बता दें कि बीजेपी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने एक टूल किट बनाकर कोरोना के नए स्वरूप को भारतीय स्वरूप , मोदी स्वरूप बताया और इसके बाद प्रधानमंत्री की छवि खराब करने की कोशिश की गई। हालांकि, कांग्रेस ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया था कि बीजेपी उसे बदनाम करने के लिए फर्जी टूलकिट का सहारा ले रही है।

जिसके बाद कांग्रेस ने बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ पुलिस में जालसाजी का मामला भी दर्ज कराया है। कांग्रेस ने कथित कोविड टूलकिट मामले में 11 केंद्रीय मंत्रियों के ट्वीट का हवाला देते हुए माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर से आग्रह किया कि इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उनके ट्वीट को भी मैनिपुलेटेड मीडिया करार दिया जाए।‌

नेहा शाह

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