प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.5 प्रतिशत बढ़कर 5.74 लाख करोड़
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का प्रत्यक्ष कर संग्रह 11 जुलाई तक पिछले साल की तुलना में 19.5 प्रतिशत बढ़कर 5.74 लाख करोड़ हो गया है। इनकम टैक्स विभाग की...
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का प्रत्यक्ष कर संग्रह 11 जुलाई तक पिछले साल की तुलना में 19.5 प्रतिशत बढ़कर 5.74 लाख करोड़ हो गया है। इनकम टैक्स विभाग की...
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का प्रत्यक्ष कर संग्रह 11 जुलाई तक पिछले साल की तुलना में 19.5 प्रतिशत बढ़कर 5.74 लाख करोड़ हो गया है। इनकम टैक्स विभाग की ओर से जारी किए डेटा से यह जानकारी मिली।
1 अप्रैल से 11 जुलाई के बीच भारत का शुद्ध कॉर्पोरेट टैक्स संग्रह बीते वर्ष के मुकाबले 12.5 प्रतिशत बढ़कर 2.1 लाख करोड़ हो गया। वहीं, सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स सहित पर्सनल इनकम टैक्स 24 प्रतिशत बढ़कर 3.64 लाख करोड़ हो गया।
सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह (रिफंड से पहले) पिछले साल के मुकाबले 23.2 प्रतिशत बढ़कर 6.45 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इस दौरान डायरेक्ट टैक्स रिफंड सालाना आधार पर 64.5 प्रतिशत बढ़कर 70,902 करोड़ रुपये हो गया है।
टैक्स में उछाल आने से सरकार को राजकोषीय घाटे पर काबू पाने में मदद मिलेगी। 2024-25 का बजट 23 जुलाई को पेश किया जाएगा।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) संग्रह मजबूत रहने और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के द्वारा केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ का लाभांश दिए जाने के कारण वित्त मंत्री के पास ग्रोथ और सामाजिक कल्याण को बढ़ाने के लिए पर्याप्त जगह है।
इस बार उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री इनकम टैक्स की लिमिट में इजाफा कर सकती है। इससे मध्यमवर्ग को काफी सहायता मिलेगी और लोगों के हाथ में पहले के मुकाबले अधिक पैसा बचेगा और अर्थव्यवस्था की ग्रोथ के सहारा मिलेगा।
बता दें, अर्थव्यवस्था तीव्र गति से बढ़ने और वित्तीय स्थिति में सुधार होने के कारण एसएंडपी ग्लोबल की ओर से भारत की सॉवरेन रेटिंग बढ़कर 'स्थिर' से 'सकारात्मक' कर दिया गया है।