पशु पालकों की डिमांड से बिनौला खल 200 रुपए उछली

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पशु पालकों की डिमांड से बिनौला खल 200 रुपए उछली
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इस बार मक्का खल महंगी होने से बिनौला खल की डिमांड अधिक निकल रही है। वर्तमान में जयपुर मंडी में बिनौला खल के भाव 3500 से 3900 रुपए प्रति क्विंटल बोले जा रहे हैं। इसमें एक सप्ताह के दौरान करीब 200 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई है। दूसरी ओर मक्का खल एक्स अलवर के भाव 100 रुपए नीचे आकर 4000 रुपए प्रति क्विंटल में व्यापार हो रहा है। दो-तीन साल पहले मक्का खल की कीमतें बिनौला खल के मुकाबले नीचे रहती थीं, तो मक्का खल की डिमांड अधिक बनी रहती थी। मगर इस बार ऐसा नहीं है। बिनौला खल के मुकाबले मक्का खल के भाव ज्यादा चल रहे हैं।

जयपुर स्थित प्रमुख फर्म सत्य ट्रेडिंग कंपनी के दिनेश वैद ने बताया कि पशु पालकों की मांग निकलने से बिनौला खल में तेजी का रुख देखा जा रहा है। इसी प्रकार लाल तिल पपड़ी के भाव भी 150 रुपए प्रति क्विंटल उछल गए हैं। जयपुर मंडी में तिल पपड़ी 3350 रुपए प्रति क्विंटल पर मजबूत बोली जा रही थी। दूसरी ओर तिल डली 5000 रुपए प्रति क्विंटल पर लगभग स्थिर बनी हुई है।

इस बीच सरसों सीड में गिरावट के चलते सरसों खल के भाव लगातार नीचे आ रहे हैं। बुधवार को सरसों खल प्लांट 2750 रुपए प्रति क्विंटल बेची गई। जयपुर मंडी सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन बुधवार को 50 रुपए और नीचे आकर 6000 रुपए प्रति क्विंटल रह गई है। इस बीच मक्का खल का प्रचलन राजस्थान में पिछले पांच-सात सालों से ज्यादा बढ़ गया है। गुजरात में मक्का खल का प्रचलन ज्यादा हुआ करता था। जानकारों का कहना है कि मक्का खल के उपयोग से दुधारू पशुओं को अधिक पौष्टिकता मिलती है और वे दूध ज्यादा देने लगते हैं। इसलिए भी मक्का खल विशेषकर पशु पालकों और डेयरी वालों में लोकप्रिय हुई है।

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