वित्त वर्ष 24 में राजकोषीय घाटा उम्मीद से बेहतर
वित्त वर्ष 2024 में केंद्र का राजकोषीय घाटा 17.34 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से कुल मिलाकर थोड़ा बेहतर रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2024 के लिए सरकार...


वित्त वर्ष 2024 में केंद्र का राजकोषीय घाटा 17.34 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से कुल मिलाकर थोड़ा बेहतर रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2024 के लिए सरकार...
वित्त वर्ष 2024 में केंद्र का राजकोषीय घाटा 17.34 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से कुल मिलाकर थोड़ा बेहतर रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2024 के लिए सरकार ने संशोधित अनुमान में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य कम करके जीडीपी का 5.8 प्रतिशत कर दिया था।
बजट में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था, जिसकी तुलना में संशोधित अनुमान कम है। लेखा महानियंत्रक के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2024 में अप्रैल से फरवरी के बीच भारत का राजकोषीय घाटा 15.01 लाख करोड़ रुपये या पूरे साल के संशोधित अनुमान 17.34 लाख करोड़ रुपये का 86.5 प्रतिशत है।
सूत्रों ने कहा, 'कुछ अतिरिक्त कर प्राप्तियों और कुछ गैर कर प्राप्तियों की वजह से राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सुधारने में मदद मिली है।
राजकोषीय उतार-चढ़ाव की राह पर चल रही सरकार चाहती है कि वित्त वर्ष 2026 तक राजकोषीय घाटा कम होकर जीडीपी का 4.5 प्रतिशत हो जाए। वित्त वर्ष 2025 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रखा गया है। वित्त वर्ष 2024 के राजकोषीय घाटे का आंकड़ा सरकार 31 मई को जारी करेगी।
सूत्रों ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान सरकार का पूंजीगत व्यय भी अनुमान के मुताबिक और पटरी पर रहा है। सूत्रों ने कहा, 'यह संशोधित अनुमान में की तुलना में कम नहीं रहा है।
वित्त वर्ष 2024 में अप्रैल-फरवरी के दौरान सरकार ने संशोधित पूंजीगत व्यय अनुमान 9.8 लाख करोड़ रुपये का 85 प्रतिशत खर्च किया था। बुनियादी ढांचे और पूंजीगत व्यय पर व्यय वित्त वर्ष 2024-25 में भी जारी रखे जाने का अनुमान है।
सूत्र ने कहा, 'हम बजट के लेखानुदान के अनुमान के मुताबिक खर्च करने की राह पर हैं।
अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य वित्त वर्ष 24 के संशोधित अनुमान से 16.9 प्रतिशत बढ़ाकर 11.1 लाख करोड़ रुपये कर दिया था।
सूत्रों ने कहा कि चल रहे चुनावों के कारण वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में खर्च में कोई कटौती नहीं की गई है।
सूत्रों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सरकार सरकारी प्रतिभूतियों को एक और बार बाईबैक कर सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 3 मई को 10,500 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों की पुन: खरीद की।
सूत्र ने कहा, 'घोषित बाईबैक से सरकार को ब्याज बचाने में मदद मिलेगी। सरकार नकदी को बेकार नहीं पडऩे दे रही है। हम नकद भंडार का सर्वाधिक स्तर पर इस्तेमाल कर रहे हैं।