एक्शन मोड में RBI, दो गैर-सरकारी संस्थानों का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट किया रद
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक बार फिर से एक्शन मोड में आ गई है। आरबीआई ने दो गैर-सरकारी संस्थान से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को कैंसिल कर दिया है। आरबीआई...
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक बार फिर से एक्शन मोड में आ गई है। आरबीआई ने दो गैर-सरकारी संस्थान से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को कैंसिल कर दिया है। आरबीआई...
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक बार फिर से एक्शन मोड में आ गई है। आरबीआई ने दो गैर-सरकारी संस्थान से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को कैंसिल कर दिया है। आरबीआई ने इसको लेकर सर्कुलर जारी किया था। बैंक ने बताया कि अनियमित उधार प्रथाओं के कारण इनका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट कैंसिल हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि उसने Star Finserv India और Polytex India के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को कैंसिल किया है।
हैदराबाद स्थित स्टार फिनसर्व इंडिया ‘Progcap’ (डेसिडरेटा इम्पैक्ट वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व और संचालित) के तहत सेवा की पेशकश कर रहा था। पॉलीटेक्स इंडिया, जिसका मुख्यालय मुंबई में है, ‘Z2P’ मोबाइल एप्लिकेशन (ज़ैटेक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व और संचालित) के तहत सेवाएं प्रदान कर रहा था।
आरबीआई ने बताया कि स्टार फिनसर्व के पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) को इसलिए रद् किया गया क्योंकि कंपनी ने क्रेडिट मूल्यांकन जैसे अपने मुख्य निर्णय लेने वाले कार्यों को आउटसोर्स करके अपने डिजिटल लेंडिंग ऑपरेशन में वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग की। यह आरबीआई के आचार संहिता के दिशानिर्देशों का उल्लंघन हैं। इस वजह से स्टार फिनसर्व रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट कैंसिल हुआ है।
आरबीआई ने कहा कि स्टार फिनसर्व ने सर्विस प्रोवाइडर को ग्राहक डेटा तक पूर्ण पहुंच प्रदान करके डेटा गोपनीयता और ग्राहक जानकारी की सुरक्षा का भी उल्लंघन किया है। पॉलीटेक्स ने क्लाइंट सोर्सिंग, केवाईसी सत्यापन, क्रेडिट मूल्यांकन, ऋण वितरण, ऋण वसूली, उधारकर्ताओं के साथ अनुवर्ती और शिकायतों में भाग लेने और समाधान से संबंधित अपने मुख्य निर्णय लेने वाले कार्यों को आउटसोर्स करके फाइनेंशियल सर्विस की आउटसोर्सिंग में आचार संहिता के मानदंडों का उल्लंघन किया है।
आरबीआई ने कहा कि लेंडिंग देने से संबंधित गतिविधियों को आउटसोर्स करते समय पॉलीटेक्स इंडिया ने अपने सर्विस प्रोवाइडर से एक निश्चित शुल्क अर्जित किया। कुछ मामलों में उन्होंने सेवा प्रदाता से हाई इंटरेस्ट भी लिया है। यह सभी गतिविधि आरबीआई के Fair Practice Code (FPC) दिशानिर्देशों के विपरीत है। आरबीआई ने कहा कि रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट कैंसिल होने के बाद अब दोनों संस्थाएं एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफआई) के व्यवसाय में “लेन-देन नहीं करेंगी”।