8-4-3 इन्वेस्टमेंट रूल का करें इस्तेमाल, म्यूचुअल फंड से 1 करोड़ रुपये झट से जमा हो जाएंगे
शेयर बाजार में जारी गिरावट से निवेशक सहमे हुए हैं। हालांकि, अगर आप म्यूचुअल फंड निवेशक हैं और आपका लक्ष्य लंबे समय में बड़ा कॉर्पस बनाने की है तो...
शेयर बाजार में जारी गिरावट से निवेशक सहमे हुए हैं। हालांकि, अगर आप म्यूचुअल फंड निवेशक हैं और आपका लक्ष्य लंबे समय में बड़ा कॉर्पस बनाने की है तो...
शेयर बाजार में जारी गिरावट से निवेशक सहमे हुए हैं। हालांकि, अगर आप म्यूचुअल फंड निवेशक हैं और आपका लक्ष्य लंबे समय में बड़ा कॉर्पस बनाने की है तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। आप अपना निवेश जारी रखें। म्यूचुअल फंड में कंपाउंडिंग का लाभ लंबे समय में ही मिलता है। एक निवेशक के रूप में सफल होने के लिए कई ज़रूरी शर्तों में से एक है, अपने निवेश को शुरुआती चरण में धीरे-धीरे बढ़ते हुए देखने और बाद के वर्षों में कंपाउंडिंग का लाभ उठाने के लिए धैर्य रखना। म्यूचुअल फंड भी निवेशकों के पैसे को समय के साथ बढ़ाने के लिए कंपाउंडिंग का इस्तेमाल करते हैं। आज हम आपको 8-4-3 इन्वेस्टमेंट रूल बता रहे हैं। यह रूल हर म्यूचुअल फंड निवेश को जरूर जानना चाहिए। इससे बड़ा फंड बनाने में आपको मदद मिलेगी और आप सही तरीके से निवेश कर मैक्सिमम रिटर्न ले पाएंगे।
8-4-3 इन्वेस्टमेंट रूल क्या है?
8-4-3 इन्वेस्टमेंट रूल दिखाता है कि चक्रवृद्धि ब्याज (कंपाउंडिंग) की शक्ति के माध्यम से किसी भी वित्तीय लक्ष्य को कैसे प्राप्त किया जा सकता है। यह एक ऐसी अवधारणा है जिसका उपयोग आपके निवेश को समय के साथ बढऩे में मदद करने के लिए किया जा सकता है। यह कोई विशिष्ट निवेश रणनीति नहीं है, बल्कि विकास की संभावित गति को समझने का एक सरल तरीका है।
चक्रवृद्धि ब्याज का 8-4-3 नियम कैसे काम करता है?
इस नियम से पैसे कैसे बढ़ते हैं, इसका एक उदाहरण लें: मान लीजिए कि आप हर महीने 20,000 रुपये किसी ऐसे म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करते हैं जो सालाना 12त्न ब्याज देता है। मान लीजिए कि यह सालाना चक्रवृद्धि ब्याज है, तो आप आठ साल में 32 लाख रुपये जमा करेंगे। पहले 32 लाख रुपये 8 साल में बनते हैं, लेकिन अगले 32 लाख रुपये उसी ब्याज दर पर सिर्फ 4 साल में जमा हो जाएंगे। इसलिए, 12 साल के अंत में, किसी निवेश स्कीम में 20,000 रुपये का मासिक निवेश 64 लाख रुपये बना देगा।
जब इस राशि को अगले 3 वर्षों के लिए छोड़ दिया जाता है और साथ ही 20,000 रुपये प्रति माह निवेश जारी रखा जाता है, तो यह राशि 1 करोड़ रुपये हो जाएगी।
आपका निवेश इस वृद्धि पैटर्न का अनुसरण कर सकता है:
इनिशियल ग्रोथ (वर्ष 1-8): पहले आठ वर्षों के दौरान आपके निवेश में स्थिर वृद्धि।
एक्सेलरेटेड ग्रोथ (वर्ष 9-12): अगले चार वर्षों में, आपका निवेश पहले आठ वर्षों में की गई वृद्धि के समान वृद्धि प्राप्त करता है।
एक्सपोटेंटियल ग्रोथ (वर्ष 13-15): अंतिम तीन वर्षों में, आपका निवेश फिर से पिछले चार वर्षों के बराबर वृद्धि का अनुभव करता है।
इस रूल को फॉलो कर आप आसानी से बड़ा पैसा जमा कर सकते हैं।