सोनी और ज़ी के बीच डील में नया मोड़! मर्जर को लेकर दोनों कंपनियों में फिर शुरू हुई बातचीत
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज और सोनी ग्रुप 10 बिलियन डॉलर की मर्जर डील को पूरा करने के लिए एक बार फिर बातचीत कर रहे हैं। दोनों कंपनियों ने पिछले 15...


ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज और सोनी ग्रुप 10 बिलियन डॉलर की मर्जर डील को पूरा करने के लिए एक बार फिर बातचीत कर रहे हैं। दोनों कंपनियों ने पिछले 15...
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज और सोनी ग्रुप 10 बिलियन डॉलर की मर्जर डील को पूरा करने के लिए एक बार फिर बातचीत कर रहे हैं। दोनों कंपनियों ने पिछले 15 दिनों में मुंबई में कई बैठकें की हैं।
इससे पहले सोनी ने ज़ी एंटरटेनमेंट के साथ अपनी भारतीय कंपनी के 10 बिलियन डॉलर के मर्जर समझौते की कुछ 'फाइनेंशियल शर्तोंÓ को पूरा करने में विफल रहने का हवाला देते हुए सौदा रद्द कर दिया था।
रिपोर्ट के अनुसार, ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पुनीत गोयनका ने सोनी की इस मांग पर सहमति व्यक्त की है कि वह मर्जर के बाद बनने वाली इकाई के सीईओ नहीं बनेंगे। हालांकि, जापान की कंपनी ने कहा है कि गोयनका मर्जर के बाद बनने वाली इकाई के लिए सबसे अच्छे सलाहकार हो सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ज़ी को अगले 24 से 48 घंटों में सोनी को बताना होगा कि क्या वह नियम और शर्तों को मानने के लिए तैयार है या नहीं। यदि ज़ी असहमत है, तो सोनी सप्ताह के अंत तक नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से अपना मूल आवेदन वापस ले लेगी।
समझौते को लेकर फिर से बातचीत शुरू होने की ख़बरों के बीच ज़ी एंटरटेनमेंट के शेयरों में मंगलवार को उछाल देखने को मिला है। शुरूआती कारोबार के दौरान ज़ी का शेयर 7 प्रतिशत तक चढ़ गया था। दोपहर 12:20 बजे यह 3.42 प्रतिशत या 6.10 रुपये बढ़कर 184.60 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।
सोनी ने ज़ी एंटरटेनमेंट के साथ अपनी भारतीय कंपनी के 10 बिलियन डॉलर के मर्जर सौदे की कुछ 'फाइनेंशियल शर्तोंÓ को पूरा करने में विफल रहने की वजह से रद्द किया था।
सोनी ने 22 जनवरी को मर्जर संबंधी योजनाओं को समाप्त कर दिया था और कहा था कि वह ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि दो साल की बातचीत के बाद क्लोजिंग कंडीशन शर्तों से संतुष्ट नहीं है।
सोनी ने अपने नोटिस में कहा था कि ज़ी नकदी उपलब्धता समेत कुछ वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यावसायिक रूप से उचित प्रयास करने में विफल रहा है। जबकि भारतीय नेटवर्क का कहना है कि व्यावसायिक बुद्धिमता की कमी के कारण सोनी ने यह निर्णय लिया है।