बिहार में निरंतर बारिश होने से फूल मखाना और महंगा
बिहार में निरंतर बारिश होने तथा नेपाल से आने वाली नदियां उफान पर होने से तराई वाले क्षेत्रों में नए फूल मखाने की आवक ठप हो गई है। दूसरी ओर फूल मखाने...
बिहार में निरंतर बारिश होने तथा नेपाल से आने वाली नदियां उफान पर होने से तराई वाले क्षेत्रों में नए फूल मखाने की आवक ठप हो गई है। दूसरी ओर फूल मखाने...
बिहार में निरंतर बारिश होने तथा नेपाल से आने वाली नदियां उफान पर होने से तराई वाले क्षेत्रों में नए फूल मखाने की आवक ठप हो गई है। दूसरी ओर फूल मखाने का पुराना स्टॉक पहले ही समाप्त हो चुका है। यही कारण है कि इन दिनों फूल मखाना और महंगा हो गया है। जयपुर मंडी में बाल राजभोग फूल मखाना 1200 रुपए प्रति किलो पहुंच गया। दीनानाथ की गली स्थित कारोबारी हंसराज अग्रवाल ने बताया कि उत्पादन केन्द्र सीतामढ़ी, पूर्णिया, दरभंगा, गुलाबबाग, हरदा, हरिश्चन्द्रपुर एवं मालदा आदि क्षेत्रों मखाने की निकासी शुरू ही हुई थी कि वहां नेपाल से आने वाली बूढ़ी गंडक कमलावलान आदि नदियों में भारी उफान आ जाने से मखाने की निकासी ठप पड़ गई है। लिहाजा फूल मखाने के भाव लगातार उछल रहे हैं। बढ़िया मखाना तो 1500 रुपए प्रति किलो तक बिकने लगा है।
वास्तविकता यह है कि गोदामों में फूल मखाना बिल्कुल खाली हो गया है। जो माल उत्पादक मंडियों से निकल कर आ रहा है वह हाथों हाथ बिकता जा रहा है। हंसराज ने कहा कि रक्षाबंधन और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तक बेचने के लिए कारोबारियों के पास फूल मखाना नहीं है। परिणामस्वरूप इसमें अभी और तेजी के आसार बन सकते हैं। जानकारों का तो ये भी कहना है कि किसी भी भाव में मखाना गुलाबबाग, दरभंगा, पूर्णिया लाइन में मिलना मुश्किल हो गया है।
इसके अलावा उधर कमलाबलान एवं बूढ़ी गंडक का प्रकोप बढ़ गया है। इसके अलावा तीन-चार दिन से पूर्णिया एवं दरभंगा लाइन में लगातार बारिश हो रही है। उत्पादक क्षेत्रों में पानी इतना अधिक बढ़ गया है कि निकासी करने वाले पीछे हट गए हैं। इस बीच दिल्ली मंडी में एवरेज क्वालिटी का फूल मखाना किसी के पास भी नहीं है।