ईवी इकोसिस्टम के विकास और स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध सरकार : केंद्रीय मंत्री
सरकार देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) इकोसिस्टम एवं स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने और स्थिर विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय भारी उद्योग और...
सरकार देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) इकोसिस्टम एवं स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने और स्थिर विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय भारी उद्योग और...
सरकार देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) इकोसिस्टम एवं स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने और स्थिर विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय भारी उद्योग और स्टील मंत्री एचडी कुमारस्वामी की ओर से यह जानकारी दी गई है।
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किए गए एक पोस्ट-बजट वेबिनार में कुमारस्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन भारत को 2047 तक विकसित बनाना है। साथ ही 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
मंत्री ने आगे कहा कि सरकार पीएलआई, फेम, ईएमपीएस और एडवांस कैपिटल गुड्स स्कीम के जरिए भारत के ईवी इकोसिस्टम के विकास और स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग और स्थिर विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इससे देश की आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ने की गति और तेज होगी।
केंद्रीय राज्यमंत्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा ने कहा कि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है और इसमें ऑटोमोटिव सेक्टर एक बड़ी भूमिक निभाने वाला है।
वर्मा ने कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय ऑटोमोबाइल और ऑटो उपकरणों के लिए पीएलआई जैसी स्कीम चला रहा है, जिससे हम इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के साथ भारत को समृद्ध बनाने में योगदान दे सकें।
केंद्रीय बजट 2024-25 में ईवी इकोसिस्टम को मजबूत करने पर फोकस किया गया था। इसमें ईवी मैन्युफैक्चरिंग और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर खास ध्यान दिया गया था।
सरकार की ओर से ऑटो सेक्टर के स्थानीयकरण और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट करने के लिए 25,938 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम लाई गई है। ए़डवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी) के लिए 18,100 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम लाई गई है। इसके तहत भारत में एसीसी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।
भारत की सड़कों पर 2030 तक 5 करोड़ ईवी आ सकती है। इसका मार्केट साइज 48.6 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। 40 ईवी पर एक चार्जर का अनुपात पाने के लिए 2030 तक 1.32 मिलियन यानी 4,00,000 चार्जर प्रति वर्ष लगाने होंगे।