Ola-Uber पर सरकार ने कसी नकेल, अब नहीं कर सकेंगे मनमानी, गाइडलाइन जारी......

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Ola-Uber पर सरकार ने कसी नकेल, अब नहीं कर सकेंगे मनमानी, गाइडलाइन जारी......


भारत में पहली बार ओला और उबर जैसे कैब एग्रीगेटर्स को विनियमित (रेगुलेट) करने के लिए केंद्र ने दिशानिर्देश दिये हैं। इनमें पहली बार एग्रीगेटर को परिभाषित किया गया है। इस कदम से पारिस्थितिक तंत्र (इको सिस्टम) को बहुत राहत मिली है, जो इस क्षेत्र को नियंत्रित करने वाली नीति की कमी महसूस कर रहा था। सरकार ने शेयर्ड मोबिलिटी को रेगुलेट करने और वाहनों की भीड़ तथा प्रदूषण कम करने के लिए मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश जारी किये हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन दिशानिर्देशों का मकसद राज्य सरकारों द्वारा एग्रीगेटर के लिए एक नियामक मसौदा तैयार करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एग्रीगेटर अपने परिचालन के लिए जवाबदेह हों।

कैब ड्राइवर को होगा फायदा

नए दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रत्येक सवारी (राइड) पर लागू किराए का कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा एग्रीगेटर के साथ जुड़े वाहन के चालक को मिलेगा। शेष हिस्सा एग्रीगेटर कंपनियां रख सकती हैं। मंत्रालय ने कहा कि जिन राज्यों में शहरी टैक्सी का किराया राज्य सरकार ने निर्धारित नहीं किया है, वहां किराया विनियमन के लिए 25-30 रुपये को मूल किराया माना जाएगा। राज्य सरकारें एग्रीगेटर द्वारा जोड़े गए अन्य वाहनों के लिए इसी तरह से किराया निर्धारित कर सकती हैं।

शिवांग

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