RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा मई के अंत से सुधर रही हैं आर्थिक गतिविधियां
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का देश पर गंभीर असर पड़ा। लेकिन मई के आखिर से ठंडी पड़ी आर्थिक...
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का देश पर गंभीर असर पड़ा। लेकिन मई के आखिर से ठंडी पड़ी आर्थिक...
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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का देश पर गंभीर असर पड़ा। लेकिन मई के आखिर से ठंडी पड़ी आर्थिक गतिविधियों में तेजी आनी शुरू हो गयी है। उन्होंने अर्थव्यवस्था के लिए कई जोखिमों के बारे में भी बताया। इनमें आंकड़ों में सेंध, साइबर हमले और वैश्विक स्तर पर जिंसों के दाम में तेजी शामिल हैं। दास ने आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट की भूमिका में लिखा है, ''जो आर्थिक पुनरूद्धार की दूसरी छमाही में शुरू हुआ था, उस पर दूसरी लहर के कारण इस वर्ष अप्रैल और मई में काफी प्रतिकूल असर पड़ा। लेकिन जिस तेजी से संक्रमण की दर बढ़ी, उसमें उतनी ही तीव्रता से कमी आयी।
RBI गवर्नर ने कहा कि कोविड के सेकेंड वेव में जिस तेजी से संक्रमण का रेट बढ़ा, उसमें उतनी ही तेजी से कमी भी आई और मई के अंत और जून की शुरूआत से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आनी शुरू हुई है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बैंकों का NPA मार्च 2021 में 6 महीने पहले जिस स्तर पर था, उसी स्तर पर रहा। लेकिन RBI गवर्नर दास ने यह आशंका भी जताई कि बैंकों का NPA मार्च 2022 में कुल कर्ज के 9.8% तक जा सकता है। उन्होंने कहा कि सेकेंड वेव से वित्तीय संस्थानों के अकाउंटिंग पर ज्यादा असर नहीं पड़ा, जितना कि आशंका थी। उन्होंने कहा कि रेगुलेटरी स्तर पर जो राहत दिए गये है, उसका असर जब दिखने लगेगातभी इकोनॉमी की पूरी तस्वीर साफ होगी।
अराधना मौर्या