जाम में फंसी मानवता ,माँ ने बेटे के सामने दम तोडा , राष्ट्रपति ने घटना पर जताया दुःख

  • whatsapp
  • Telegram
  • koo
जाम में फंसी  मानवता ,माँ ने बेटे के सामने दम तोडा , राष्ट्रपति ने घटना पर जताया दुःख

साभार :  सोशल मीडिया 

माफ़ करना बेटे हम शर्मिंदा है | ये भाव और भावना भी उस बेटे को सांत्वना न दे पाएंगे जिसके रोने , गिड़गिडाने पर भी उन पुलिस वालो को तरस नहीं आया | बेटा अपनी लाचारी पर रो रहा था और माँ को मरते देख रहा था और सिस्टम तिल तिल मर रहा था | क्या जवाब देंगे भारत के लोग उस बेटे को जो पुलिस वालो के हाँथ जोड़ कर उनसे दया की भीख मांग रहा था | वो फिल्मो का एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन नहीं था की उसे रास्ता मिल जाता वो भारत का लाचार , एंग्री बेटा था जो फिल्मो के एंग्री यंग मैन की तरह अपनी माँ के लिए पुलिस वालो से लड़ नहीं पाता है |

फिल्मो का एंग्री यंग मैन पुलिस वालो से दया की भीख नहीं मांगता बल्कि अपने माँ के लिए लड़कर राश्ता बना लेता है | लोग उस दृश्य पर तालिया बजाते है पर यहाँ ये जनता उस बेटे के लाचारी पर मौन रहती है | जुल्म करने वाले से बड़ा जुल्म सहने वाला होता है और कानपुर में सिर्फ एक माँ ने दम नहीं तोडा ,वहां खड़े लोगो की मरी हुई आत्मा ने भी दम तोड़ दिया |

किसी भी लोकतान्त्रिक देश के लिए इससे ज्यादा शर्म की कोई बात नहीं हो सकती की उसका एक नागरिक सिर्फ इस बात के लिए दम तोड़ दे की उसे एक वीआईपी के आने और जाने के कारण राश्ता न दिया जाए | हमारे देश से अंग्रेज चले गए पर उनकी हनक अभी भी है | एक आम परिवार से आने वाले राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जब किसी आम आदमी की मौत के कारण बन जाए तो उनको भी दुःख होता होगा | पर ये सिस्टम कब तक चलेगा |

मोदी सरकार ने लाल बत्ती तो ख़त्म कर दी पर पुलिस के दिमाग में जो अंग्रेजो के समय का कूड़ा भरा है उसे कब निकालेंगे | एक बात जो आजाद भारत में अब भी नहीं बदली वो पुलिस थाना है | आज भी कोई शरीफ आदमी पुलिस थाने में जाने से बचता है | पुलिस वाले आज भी समाज में निकृष्ट व्यक्ति की तरह देखे जाते है | आज भी पुलिस की नौकरी , सिर्फ नौकरी न होकर भ्रष्टाचार का अड्डा है | पर दुर्भाग्य ये है कि जो थोड़े बहुत अच्छे पुलिस वाले है वो भी गेहू के साथ पिसते जा रहे है |

जब तक भारत में पुलिस की नौकरी चाकरी रहेगी ऐसा ही होगा | अपने से बड़े साहब की जी हजूरी | काम की जगह बॉस की चमचागिरी | अपनी तनख्वा की जगह ऊपर की कमाई पर भरोसा | ये सब पुलिस की नौकरी को नौकरी कम भ्रष्टाचार का अड्डा बना देता है | ताकत मिली है गरीबो को इन्साफ दिलाने के लिए और कानून का राज स्थापित करने के लिए पर हो उल्टा रहा है | इसके पीछे देश की राजनैतिक पार्टिया जिम्मेदार है | उत्तरप्रदेश की एक पार्टी का तो यही उद्देश्य होता है कि वो अगर सत्ता में आये तो एक जाती के लोगो को पुलिस सेवा में भर्ती कर दे |

इसके पीछे वही सामंतवादी सोच है | पुलिस अपने हाँथ में तो अत्याचार में आसानी |


Next Story
Share it