सड़क हादसे में युवक की मौत परिवार में कोहराम
रोहनिया थाना अंतर्गत बच्छांव गांव के रहने वाले रमेश पाल उर्फ गुड्डू पुत्र जगरनाथ पाल की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। दरअसल शुक्रवार को काम की...
रोहनिया थाना अंतर्गत बच्छांव गांव के रहने वाले रमेश पाल उर्फ गुड्डू पुत्र जगरनाथ पाल की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। दरअसल शुक्रवार को काम की...
रोहनिया थाना अंतर्गत बच्छांव गांव के रहने वाले रमेश पाल उर्फ गुड्डू पुत्र जगरनाथ पाल की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। दरअसल शुक्रवार को काम की तलाश में घर से शहर की ओर जा रहे गुड्डू को पास के ही गांव अखरी स्थित पानी टंकी के सामने बेकाबू ऑटो चालक ने धक्का मार दिया।
दुर्घटना से रमेश के सिर में गहरी चोट लगी। मौके पर ग्रामीणों ने पहले पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। चोट बेहद गंभीर होने से वहां से ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। हालत बेहद नाजुक होने के कारण ईलाज के दौरान कुछ ही समय बाद रमेश की मौत हो गई ।
मौत की सूचना पाते ही परिवार में कोहराम मच गया। दुर्घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर अखरी पुलिस चौकी स्थित है। घटना के पश्चात ग्राम प्रधान समेत अन्य ग्रामीणों ने पुलिस को लिखित में सूचना दी। चौकी इंचार्ज उमेश रॉय ने ऑटो चालक को चौकी पर बैठाया तथा परिवार वालों को आश्वासन दिया कि पहले ईलाज की करायें उसके बाद कार्यवाही की जाएगी। दो दिन तक अस्पताल में भर्ती के दौरान मौत हो गई ।
परिवार वालों का आरोप है कि अस्पताल में मौत हो जाने के बावजूद शव को दो दिन तक इंतजार करना पड़ा। आनन-फानन में परिवार के लोगों ने शव ले जाने की बात की। रविवार दोपहर 3 बजे शव घर पहुंची। परिवार वालों ने आरोप है कि प्रधान व पुलिस की मिलीभगत से आरोपी ऑटो चालक सुरेश कुमार को छोड़ दिया गया। ऑटो का मालिक विपिन कुमार गुप्ता है। प्रधान का कहना है कि यह आरोप सरासर गलत है।
मेरी संवेदना पीड़ित परिवार के साथ है। सबसे बड़ा सवाल यह है की घटना के तीन दिन तक कोई प्राथमिकी दर्ज नही की गई । इस घटना से पुरे परिवार को गहरा धक्का लगा है। परिवार की आर्थिक की स्थिति बेहद नाजुक है। रमेश उर्फ गुड्डू अपने तीन भाईयों सबसे छोटे थे। उनके परिवार में कमाने वाला एक ही शख्स था जो अब इस दुनिया में नहीं रहा। अपने पीछे रमेश ने एक 12 साल का बेटा हुआ 9 साल की बेटी छोड़ गये।
पत्नी तारा देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। महामारी के वक्त रोजगार न मिलने से वैसे ही आर्थिक तंगी थी। परिवार के मुखिया का दर्दनाक मौत पत्नी के ऊपर वज्रपात की तरह है। पत्नी के ऊपर दो छोटे-छोटे बच्चों का पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी है।