जनता को तो पिटना ही होता है , इस बार बिहार पुलिस ने पीटा
पुलिस चाहे किसी भी राज्य की हो उसका मानवीय चेहरा कम और हिंसक चेहरा ज्यादा दिखाई देता है | एक प्राइवेट हॉस्पिटल में महिला और उसके अजन्मे बच्चे की मौत...


पुलिस चाहे किसी भी राज्य की हो उसका मानवीय चेहरा कम और हिंसक चेहरा ज्यादा दिखाई देता है | एक प्राइवेट हॉस्पिटल में महिला और उसके अजन्मे बच्चे की मौत...
पुलिस चाहे किसी भी राज्य की हो उसका मानवीय चेहरा कम और हिंसक चेहरा ज्यादा दिखाई देता है | एक प्राइवेट हॉस्पिटल में महिला और उसके अजन्मे बच्चे की मौत को लेकर जो भी हंगामा हो रहा था उसको रोक कर जांच करने की जगह जिसका सब कुछ उजड़ गया उसे ही पुलिस लाठियों से पीटने लगी |
इस उजागर किया ट्विटर पर मुकेश सिंह नाम के एक व्यक्ति ने |
हम सब लगातार प्राइवेट हॉस्पिटल के हाथो लोगो की लापरबाही से जान जाने या नुकसान की बात लगातार सुनते है | कई परिजन गुस्सा और झगड़ा कर लेते है जो ठीक नहीं है | अगर उन्होंने सही तरीके से शिकायत की होती तो शायद ज्यादा अच्छा होता | पर अगर उन्होंने ज्यादा गुस्सा दिखा दिया तो भी उनको पीटने का हक़ पुलिस को नहीं है | इस तरह की घटनाओ को रोकने के लिए मरीजों और पुलिस के साथ साथ हॉस्पिटल प्रबंधन को भी व्यवस्था करनी चाहिए |
बिहार पुलिस का क्रूर चेहरा।
— Mukesh singh (@Mukesh_Journo) July 13, 2022
पटना के निजी अस्पताल"गेट वेल"में गर्भवती महिला और उसके बच्चे की मौत हो जाती है, परिजन अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा कर हंगामा करता है।
पुलिस आयी ना परुष देखा ना महिला लतियाने लगा,ये क्या किसी का पूरा दुनिया उजड़ गया और आप उसे लात मार रहे हो।#Bihar pic.twitter.com/zaxhjAOAbZ