खूंखार आतंकी संगठन अलकायदा ने सैफ अल-अदेल को अपने नया नेता चुन लिया है

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खूंखार आतंकी संगठन अलकायदा ने सैफ अल-अदेल को अपने नया नेता चुन लिया है
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अयमान अल जवाहिरी की मौत के बाद खूंखार आतंकी संगठन अलकायदा ने सैफ अल-अदेल को अपने नया नेता चुन लिया है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से किए गए दावों पर अब अमेरिका ने भी मुहर लगा दी है। अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को कहा है कि अलकायदा से जुड़ी उसकी रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र के दावों से मिलती-जुलती है और सैफसैफ अल-अदेल अलकायदा के संस्थापक सदस्यों में से एक है और संगठन में इसकी तूती भी बोलती है। जानकारी के मुताबिक, अल-अदेल ओसामा-बिन-लादेन और अल-जवाहिरी का करीबी भी माना जाता था। हालांकि, उसके बारे में बहुत कम ही जानकारी दुनिया के सामने आ पाई है। माना जाता है 9/11 आतंकी हमले में इसका भी हाथ था। अल-अदेल को संगठन का नेता बनाया गया है।

अल-अदेल जब 30 वर्ष का था, तभी उसने सोमालिया के मोगादिशु में 1993 के कुख्यात 'ब्लैक हॉक डाउन' ऑपरेशन को अंजाम दिया था। इस ऑपरेशन में 19 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। इसके बाद सैनिकों के शवों को सड़क पर घसीटा गया था। 2011 में ओसामा बिन लादेन की हत्या के बाद से, अल-अदेल अलकायदा के भीतर एक महत्वपूर्ण रणनीतिकार बन गया।अल अदेल आतंक की दुनिया का पुराना नाम है। वह मिश्र की सेना का पूर्व अधिकारी रह चुका है। वह खुद को 'स्वॉर्ड ऑफ जस्टिस'(न्याय की तलवार) भी कहता है। अल-अदेल इतना खूंखार है कि एफबीआई ने उसे मोस्ट वांटेट की सूची में शामिल किया है और उसके सिर पर 10 मिलियन का इनाम भी है। अब इसे ही अलकायदा का अगला उत्तराधिकारी माना जा रहा है। 1980 के दशक के अंत में वह आतंकवादी समूह मकतब अल-खिदामत में शामिल हो गया था।

सैफ अल-अदेल साल 2002 या 2003 से ईरान में हैं। पहले घर में नजरबंद था, लेकिन बाद में उसने पाकिस्तान में पनाह ली। UN की रिपोर्ट में कहा गया है कि सैफ दुनिया भर में जिहादी आंदोलन में सबसे अनुभवी पेशेवर आतंकियों में से एक है, और उसके शरीर पर चोट के कई निशान हैं। जब वह हमला करता है तो वह निर्मम और खतरानक तरीके से करता है। उसकी प्लानिंग भी उतनी ही खतरनाक होती है।

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