बिना जानकारी के किसी का फ़ोन रिकॉर्ड किया तो जाना पड़ सकता है जेल

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बिना जानकारी के किसी का फ़ोन रिकॉर्ड किया तो जाना पड़  सकता है जेल
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आज कल लोग अपने अपने मोबाइल फोन में कॉल रिकॉर्डर का ऐप इंस्टाल कर लोगो का फ़ोन बिना उनकी जानकारी के रिकॉर्ड कर लेते है जो भारत के संविधान के आर्टिकल २१ में दिए गए प्रावधानो का उल्लंघन है और दंडनीय अपराध है | किसी की काल रिकॉर्ड की अनुमति सिर्फ सरकार को है वो भी विशेष परिस्थितियों में | हाल में ही पेगासस जासूसी कांड की धूम मची थी जहाँ विपक्ष ने अपने नेताओ के फोन रिकॉर्ड करवाने की शिकायत की थी | मामला बड़ा होने पर सीबीआई तक को शामिल होना पड़ा था |

क्यों है काल रिकॉर्डिंग दंडनीय


संविधान में सभी को राइट टू प्राइवेसी का अधिकार है और बिना अनुमति के किसी का भी फ़ोन काल रिकॉर्ड करना जुर्म है और इसकी सजा हो सकती है |

किसी व्यक्ति की काल रिकॉर्ड कर उसको उसके खिलाफ ही इस्तेमाल करना संविधान की धारा २० और आर्टिकल २० (3) का उल्लंघन है |

सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट में के इस पुत्तुस्वामी व्. यूनियन ऑफ़ इंडिया (2018) में कहा था की सिर्फ सरकार ही फ़ोन रिकॉर्ड करने का अधिकार रखती है और अगर किसी प्राइवेट पार्टी ने ये किया है तो उसे राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन माना जाएगा |


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