गोरखपुर : होटल में दबिश के दौरान एक युवक की मौत , 6 पुलिसकर्मी निलंबित
गोरखपुर : उत्तरप्रदेश की पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गयी है ।देर रात संदिग्धों की तलाश में होटल में दबिश के दौरान कानपुर के एक युवक की...
गोरखपुर : उत्तरप्रदेश की पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गयी है ।देर रात संदिग्धों की तलाश में होटल में दबिश के दौरान कानपुर के एक युवक की...
गोरखपुर : उत्तरप्रदेश की पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गयी है ।देर रात संदिग्धों की तलाश में होटल में दबिश के दौरान कानपुर के एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. युवक के साथ रुके दोस्तों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया तो इस मामले में पुलिसकर्मियों का बचाव करते हुए गोरखपुर के एसएसपी ने दबिश के दौरान हड़बड़ाहट में गिरने से सिर में चोट लगने की बात कही है।
हालांकि बयान जारी करने के थोड़ी देर बाद ही एसएसपी ने थाने के प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण सिंह समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर जांच एसपी नार्थ मनोज अवस्थी को सौंप दी है.
गोरखपुर पुलिस सोमवार की देर रात 12 बजे होटल और सरायों में रुकने वाले लोगों की जांच के लिए निकली थी. संदिग्धों के ठहरने की सूचना पर रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के देवरिया बाईपास रोड पर स्थित कमरा नंबर 512 को खुलवाया. कमरे में रुके कानपुर के रहने वाले 30 वर्षीय मनीष कुमार गुप्ता की मौत हो गई.
उनके साथ रुके हरियाणा के गुरुग्राम के रहने वाले अरविंद सिंह ने बताया कि वे होटल कृष्णा पैलेस के अपने रूम नंबर 512 में सो रहे थे. रात 12.30 के बीच डोर बेल बजी. मनीष गुप्ता और प्रदीप सोए हुए थे. उन्होंने बताया कि कमरे में पांच से सात पुलिसवाले और होटल का एक कर्मचारी अंदर आए. वे पहचान पत्र दिखाने को कहने लगे।
नशे में थे पुलिसकर्मी
अरविंद ने अपना पहचान पत्र दिखा दिया. इसके बाद प्रदीप ने भी आईडी दिखा दी. मनीष गुप्ता से भी आईडी दिखाने को बोला गया तो उन्होंने इतनी रात को जांच करने पर सवाल उठाए. इसके बाद पुलिसवालों ने सामान चेक कराने को कहा तो उन लोगों ने सामान चेक करा दिया.
अरविंद की मानें तो पुलिसवालों ने शराब पी हुई थी और उन्होंने जब कहा कि वे लोग आतंकवादी थोड़े ही हैं, जो आप लोग इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं. इतने में पुलिसवाले भड़क गए और जेल भेजने की धमकी देने लगे. इसके बाद पुलिसवाले थप्पड़ मारने लगे. उन्होंने बताया कि प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण सिंह और सब्जी मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय कुमार मिश्रा लगातार थप्पड़ मारते हुए नीचे लेकर चले आए.
इसी बीच उन्होंने देखा कि पुलिसवाले मनीष गुप्ता को घसीटते हुए लिफ्ट से नीचे लेकर आ रहे हैं और उनके सिर से खून बह रहा है. उन्होंने अपने पीसीआर में मनीष गुप्ता को डाला और उन्हें पीछे बैठा दिया.
अरविंद ने बताया कि वे लोग गोरखपुर पहली बार आए हैं. वे अपने दोस्त चंदन सैनी से मिलने के लिए आए थे. वे कुछ ही देर पहले वे भी मिलकर वापस लौटे थे. इसी बीच पुलिसवालों से उन्होंने कहा कि वे उनके दोस्त चंदन सैनी से बात कर लें. उन्होंने चंदन सैनी को काल करके पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके दोस्त रुके हुए हैं.