बिहार में दिव्यांग बालिका के हाथ पैर बांधकर दुष्कर्म

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बिहार में दिव्यांग बालिका के हाथ पैर बांधकर दुष्कर्म


पॉस्को एक्ट के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर ने गुरुवार को दरभंगा के कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी संदीप राय को दोषी करार देने के बाद 25 वर्ष सश्रम कारावास व 50 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 6 पॉस्को एक्ट के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास व 50 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 3 (2) एससी-एसटी एक्ट में उम्रकैद व 25 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनायी है। अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर छह-छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार पराजित ने बहस की। पराजित के अनुसार धारा 42 पॉस्को एक्ट के अनुपालन में भादवि की धारा व पॉस्को एक्ट की समतुल्य धारा में से केवल उसी धारा में सजा बहाल रहेगी जिसमे सजा की मात्रा अधिक होगी। इसलिए केवल धारा 376 (3) भादवि व 3 (2) एस-सीएस टी एक्ट की सजा बहाल रहेगी। साथ ही दप्रस की धारा 357 अ, पॉस्को नियम व बिहार पीड़ित प्रतिकर (संशोधन) स्कीम 2018 के तहत पीड़िता के पुनर्वास के लिए छह लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया है जो उसे स्थानीय जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा भुगतान किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि घटना 18 अक्टूबर 2018 की शाम सात बजे की है। अनुसूचित जाति की दिव्यांग नाबालिग लड़की जब अपने गांव में शौच के लिए खेत में गयी थी, उसी समय अभियुक्त ने उसके हाथ-पैर बांधकर दुष्कर्म किया था। पीड़िता के घर लौटने में विलंब होने पर उसकी मां और भाभी खोजने के लिए गयी तो उन्होंने वहां अभियुक्त व पीड़िता को देखा।

इस संबंध में कुशेश्वरस्थान थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। न्यायालय में पुलिस अनुसंधानक द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित करने के बाद तीन मई 2019 को संज्ञान लिया गया। 11 जुलाई 2019 को न्यायालय में अभियुक्त के विरुद्ध आरोप गठन किया गया। अभियोजन की ओर से पुलिस अनुसंधानक व चिकित्सक सहित आठ ने गवाही दी। अभियुक्त को न्यायालय ने गत 23 सितंबर को दोषी करार दिया था। अभियुक्त घटना के बाद से लगातार न्यायिक हिरासत में है।

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