महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी में पांचवें दिन भी संविदा शिक्षकों ने सत्याग्रह जारी रखा है।

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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी में पांचवें दिन भी  संविदा शिक्षकों ने सत्याग्रह जारी रखा है।

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के पंत प्रशासनिक भवन के सामने महात्मा गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष गांधी दर्शन एवं विचारों के अनुरूप आज पांचवें दिन भी अत्यंत शांतिपूर्ण ढंग से इन संविदा शिक्षकों ने सत्याग्रह जारी रखा है।

ज्ञात हो कि सत्याग्रह को प्रभावित करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन जोड़-तोड़ की षडयंत्र में लगा हुआ है । इसी रणनीति के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस सत्याग्रह को अवैध बताते हुए एक नोटिस

किसी कर्मचारी द्वारा बैक डेट में शायंकाल 4:40 पर भेज दिया। जबकि संविदा शिक्षकों की ओर से दिनांक 1नवम्बर,2020 को ही सत्याग्रह की सूचना न केवल प्रदान की गई बल्कि उसे विश्वविद्यालय प्रशासन तथा जिला प्रशासन को रिसीव भी कराई गई थी। ध्यातव्य हो कि ये शिक्षक 'रामधुन रघपति राघव राजा राम....' की धुन का दिनभर गायन करते हुए अपनी पीड़ा को अभिव्यक्ति कर रहें हैं।

ये सभी संविदा शिक्षकों की पीड़ा है कि30 जून के बाद से अब तक लगातार मौखिक आदेशों के जरिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने उनकी सेवा ली है परन्तु वेतन निर्गत नहीं किया गया।

ज्ञात हो कि राज्य सरकार द्वारा जारी 13 मार्च 2020 के आदेशानुसार इनकी संविदा अवधि स्वत:विस्तारित होकर पाठ्यक्रम चलते रहने तक सेवा का उल्लेख है।उत्तर प्रदेश के अन्य राज्य विश्वविद्यालयों यथा पूर्वांचल विश्वविद्यालय आदि ने भी राज्य सरकार के उक्त आदेश को लागू कर दिया है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने भी इसे अपनी कार्यसमिति में इस आदेश को स्वीकार कर अपने परिनियमावली में शामिल कर लिया और उसी आदेशानुसार जून माह का वेतन भी निर्गत किया है। परन्तु जूलाई से अब तक कोरोना संकट का हवाला देकर विश्वविद्यालय प्रशासन हमेशा इन शिक्षकों को आश्वासन देता रहा कि यथाशीघ्र वेतन के सम्बन्ध में आदेश निर्गत कर दिया जाएगा परन्तु अचानक 28 अक्टूबर के बाद ऐसा क्या हुआ कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इनके वेतन भुगतान से मुकरने लगा।

सत्याग्रह में शामिल होने वालों में डॉ रीता, डॉ आलोक शुक्ला, डॉ अरुण श्रीवास्तव, डॉ रमेश कुमार मिश्र, डॉ राजेश कुमार, डॉ आनंद सिंह, डॉ बालरूप, डॉ दिनेश कुमार, डॉ महेन्द्र डिसूज़ा, डॉ प्रदीप कुमार, अभिषेक कुमार डॉ शशिकांत नाग, डॉ निर्मला, डॉ अनुपमा आदि लोग शामिल रहें।

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