पर्यावरण संरक्षण हेतु सतत विकास आवश्यक-उपभोग की मांग करता है : नीडोनॉमिस्ट प्रो. एम. एम. गोयल

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पर्यावरण  संरक्षण हेतु सतत विकास आवश्यक-उपभोग की मांग करता है : नीडोनॉमिस्ट  प्रो. एम. एम. गोयल


लखनऊ , 05 जून -विश्व पर्यावरण दिवस को वार्षिक अनुष्ठान से अधिक याद रखने हेतु पर्यावरण के सभी आयामों के बारे में आत्मनिरीक्षण के साथ मानव संसाधन विकास गतिविधि के रूप में विचार किया जाना चाहिए।' ये शब्द कुरुक्षेत्र आधारित प्रोफेसर एम. एम. गोयल, पूर्व कुलपति और संस्थापक नीडोनॉमिक्स स्कूल ऑफ थॉट ने कहे । वे आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लखनऊ महानगर द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 'पर्यावरण संरक्षण हेतु आवश्यक उपभोग' विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। ABVP लखनऊ महानगर की अध्यक्ष डॉ. मंजुला उपाध्याय ने स्वागत सम्बोधन और नीडोनॉमिस्ट प्रो. एम. एम. गोयल की उपलब्धियों का प्रशस्ति पत्र प्रस्तुत किया।

प्रो. गोयल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हेतु सतत विकास आवश्यक-उपभोग की मांग करता है।

प्रोफेसर गोयल द्वारा समझाया गया कि पर्यावरण संरक्षण में सार्वजनिक भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु हमें स्ट्रीट स्मार्ट (सरल, नैतिक, कार्रवाई उन्मुख, उत्तरदायी और पारदर्शी) उपभोक्ता बनने की आवश्यकता है ।

उन्होंने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की व्यवहारिक प्रदूषण से रक्षा हेतु पर्यावरण को स्वच्छ रखते हुए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना होगा और प्राकृतिक संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करना होगा।


उनका मानना है कि पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक विकास के बीच कई डिस्कनेक्ट के साथ नीति निहितार्थ उन्मुख अनुसंधान की आवश्यकता है, पोस्ट कोविड युग में पर्यावरण की रक्षा हेतु हमें नीडोनॉमिक्स' (जरूरतों का अर्थशास्त्र) को अपनाना होगा, जो प्रकृति में अहिंसक, आध्यात्मिक और नैतिक है । कोविद महामारी के बाद भारत में इंटर-जनरेशन इक्विटी सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण की गतिशीलता को पानी के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए जो अपना रास्ता स्वयं बनाता है ।

अन्य वक्ता ABVP अवध प्रान्त सहमंत्री लखनऊ विश्वविद्यालय की पर्यावरण विज्ञान की शोध छात्रा गरिमा उप्रेती ने बताया कि छोटी-छोटी चीजें जिन्हें हम अनदेखा कर देते हैं उनसे पर्यावरण को बेहद नुकसान पहुंचता है इसलिए ऐसे वस्तुओं पर अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने अपने जीवन शैली मे कितना प्लास्टिक इस्तमाल करते हैं इसका आकलन करने के लिए एक ऐप की जानकारी दी। साथ ही प्लास्टिक का पुनः उपयोग करके उसे जीवन में कैसे शामिल कर सकते हैं इसकी भी जानकारी गरिमा के द्वारा दी गई।

लखनऊ महानगर के मंत्री कुं. अभिमन्यु प्रताप सिंह ने बताया कि परिषद् लगातार ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती है कोरोना महामारी के दौरान भी Online माध्यम से ये अभियान जारी है आगे भी विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर ऐसे आयोजन होते रहेगे|

Webinar के प्रारंभ में बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय प्रो. डीपी सिंह जी का जीवन परिचय प्रान्त उपाध्यक्ष प्रो. गोविन्द जी पाण्डेय द्वारा एवं पर्यावरणविद स्व. सुन्दर लाल बहुगुणा जी का जीवन परिचय नगर मंत्री सौम्य स्वेतान्शु के द्वारा प्रस्तुत कर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी|

वेबिनार का संचालन राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अपर्णा मिश्रा ने किया|

वेबिनार के अंत में ABVP लखनऊ महानगर के उपाध्यक्ष डा. वरुण छांछर ने मुख्य वक्ता समेत वेबिनार में उपस्थित सभी जनों को कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु आभार ज्ञापित किया|

इस दौरान पांच सौ से अधिक प्रतिभागी Webinar में जुड़े रहे|

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