लखनऊ विश्वविद्यालय को फार्माकोलॉजी और फार्मास्यूटिकल साइंसेज की पढ़ाई के लिए फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की मिली मंजूरी

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लखनऊ विश्वविद्यालय को फार्माकोलॉजी और फार्मास्यूटिकल साइंसेज की पढ़ाई के लिए फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की मिली मंजूरी

लखनऊ विश्वविद्यालय ने हाल ही में यह घोषणा की थी कि विश्वविद्यालय बहुत जल्द फार्माकोलॉजी और फार्मास्यूटिकल साइंसेज की पढ़ाई भी प्रदेश के छात्रों को उपलब्ध करवाने जा रहा है। इसी संदर्भ में विश्वविद्यालय ने फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली में आवेदन किया था जिस पर आज एक ऑनलाइन पर्सनल हियरिंग कमिटी मीटिंग के तहत काउंसिल ने प्राथमिक तौर से विश्वविद्यालय को अनुमति दे दी है। विश्वविद्यालय ने भी यह अंडरटेकिंग दिया है कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के परीक्षण से पहले विश्वविद्यालय फार्माकोलॉजी के पाठ्यक्रम में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर, इक्विपमेंट एवं शिक्षकों की भर्ती का समस्त काम पूरा कर लिया जाएगा।

पी सी आई कि इस अनुमति से विश्वविद्यालय का इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज बनाने की तैयारी में एक नई ऊर्जा का संचालन हुआ है। संस्थान में दो स्व-वित्तीय पाठ्यक्रम - 100 सीटों के साथ फार्मेसी (बीफार्मा) में स्नातक और 60 सीटों के साथ फार्मेसी में डिप्लोमा (डीफार्मा) का प्रस्ताव अभी रखा गया है और पीसीआई द्वारा प्रदान की गई इस अनुमति के पश्चात उम्मीद है की 2021-22 के शैक्षणिक सत्र में ही इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंसेस में इन 2 पाठ्यक्रमों पर भर्ती शुरू कर दी जाएगी।

इस संदर्भ में कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने अपनी खुशी जताते हुए कहा कि प्रदेश और देश भर के छात्रों के हित में पीसीआई द्वारा दी गई अनुमति का वह स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि लखनऊ विश्वविद्यालय प्रदेश के छात्रों के लिए एक नई रोजगार व शिक्षा के आयाम को उपलब्ध कराने में सक्षम रहेगा।


अराधना मौर्या

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