सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में हुआ वेबिनार का आयोजन

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सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में हुआ वेबिनार का आयोजन

लखनऊ। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली हिंसा पीड़ित व्यक्ति पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है। सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए समाज को आगे आना होगा। उपरोक्त विचार लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग, महिला अध्ययन केंद्र द्वारा ब्रेकथ्रू इंडिया संस्था के सहयोग से एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन हुआ प्रो. अर्चना शुक्ला ने कहा कि एक सभ्य और मानवीय समाज में सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली हिंसा समाज के लिए अभिशाप है। समाज के प्रत्येक वर्ग को इस कुप्रथा को रोकने के लिए प्रयास करना होगा।

कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक शुभम् सिंह चौहान ने कहा कि ब्रेकथ्रू एक वैश्विक मानवाधिकार संगठन है जो महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए पिछले 20 वर्षो से काम कर रहा है, जिसके अंतर्गत महिलाओं के खिलाफ हिंसा, कामुकता और एचआईवी/एड्स, अप्रवासी अधिकार और नस्लीय न्याय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ब्रेक्थ्रू एक ऐसी दुनिया की कल्पना करता है जिसमें सभी लोग अपने मानवाधिकारों का आनंद लें और सम्मान, समानता, न्याय के साथ रहें। हम महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को अस्वीकार्य बनाकर इस दुनिया का निर्माण कर सकते हैं।

ब्रेकथ्रू का मिशन महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए उन मानदंडों और संस्कृतियों को बदलना है जो इसे सक्षम करते हैं। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों, वीडियो शो के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए 5डी का फार्मूला बताया, जिसमें डिस्ट्रैक्ट (ध्यान बांटना), डेलीगेट (किसी दूसरे की सहायता लेना), डॉक्यूमेंट (रिकॉर्ड रखना), डिले (रुकावट डालना), डायरेक्ट (सीधे तौर पर रोकना) शामिल है, इसके माध्यम से हम इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगा सकते हैं।हैं।

अराधना मौर्या

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