ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय को "रिसर्च एंड डेवलपमेन्ट" योजना के अंतर्गत प्राप्त हुआ प्रथम राज्य शोध अनुदान

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ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय को रिसर्च एंड डेवलपमेन्ट योजना के अंतर्गत प्राप्त हुआ प्रथम राज्य शोध अनुदान

प्रदेश के राज्य विश्विद्यालयों के शिक्षकों में शोध को प्रोत्साहित करने हेतु इस वर्ष राज्य उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा "रिसर्च एंड डेवलपमेन्ट" योजना के तहत अनुदान प्रदान किया गया है। इस योजना के अंतर्गत भाषा विश्विद्यालय की दो शोध कार्य परियोजनाओं को अनुदान हेतु स्वीकृती प्राप्त हुई है। राज्य सरकार द्वारा विश्विद्यालय की किसी शोध परियोजना को प्रथम बार राज्य सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त हुआ है। इसी योजना के अंतर्गत विश्विद्यालय के व्यवसाय प्रबन्धन विभाग एवं पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग को शोध अनुदान प्राप्त हुआ है। साथ ही शिक्षा विभाग एवं गृह विज्ञान विभाग को भी शोध हेतु अनुदान प्राप्त हुआ है।



व्यवसाय प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष प्रो. सईद हैदर अली एवं पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की सहायक आचार्या डॉ रुचिता सुजय चौधरी द्वारा "ऑनलाइन स्वयं कार्यक्रमों का उच्च शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों को ई- लेर्निंग के अवसर प्रदान करने में योगदान" विषय पर शोध किया जाएगा। यह शोध लखनऊ के उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों पर किया जाएगा। इस कार्य के लिए शोध कर्तायों को 1,37,000 की धनराशि स्वीकृत की गई है। उक्त परियोजना के तहत शोध करता ऑनलाइन स्वयं कार्यक्रमों द्वारा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं को अध्ययन के सुअवसर प्राप्त कर शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहित कर अपना भविष्य संवारने में सहायता मिलेगी। यही नहीं भविष्य में ऑनलाइन शिक्षा के प्रति बढ़ते रुझान को समझने में भी इस शोध कार्य द्वारा एक दिशा निर्देश प्राप्त होगा।



इसी के साथ ही शिक्षा विभाग की अध्यक्षा प्रो चंदना डे एवं गृह विज्ञान विभाग की सहायक आचार्या डॉ प्रियंका सूर्यवंशी को 42,000 की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की गई है। वह प्रारंभिक बाल्यावस्था (0-6 वर्ष) के बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर लखनऊ मंडल के निराश्रित घरों में देखभाल करने वालों को पोषण और शैक्षिक जागरूकता का प्रावधान विषय पर शोध करेंगे।


उक्त शोध अध्ययन का उद्देश्य, बेसहारा घरों में रहने वाले बच्चों पर है जो समाज के सबसे कमजोर और वंचित वर्ग में से एक हैं, का अध्ययन करना है। इस अध्ययन से न केवल स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में अकादमिक लाभ होंगे बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी की दिशा में भी एक कदम होगा।

इस अवसर पर विश्विद्यालय के माननीय कुलपति प्रो विनय पाठक ने सभी शोध अनुवेषकों को बधाई दी एवं यह विश्वास जताया कि यह परियोजनाएं समाज को एक सही दिशा प्रदान करते हुए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रशंसनीय कदम साबित होगी।

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