यूजीसी ने नेशनल एकेडमिक क्रेडिट बैंक सुविधा की शुरुआत के लिए मांगी सलाह

  • whatsapp
  • Telegram
यूजीसी ने नेशनल एकेडमिक क्रेडिट बैंक सुविधा की शुरुआत के लिए मांगी सलाह


भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई तरह के प्रयोग हो रहे हैं जिसमें नेशनल एकेडमिक क्रेडिट बैंक एक ऐसा कॉन्सेप्ट है जो आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला देगा।

अगर नेशनल एकेडमिक क्रेडिट बैंक सुविधा लागू हो जाती है तो छात्र अपने क्रेडिट इसमें रुपए की तरह जमा कर सकते हैं और कभी भी उसका इस्तेमाल डिग्री हासिल करने के लिए कर पाएंगे।

नेशनल अकादमी एक डिजिटल ऑनलाइन सुविधा होगी जिसे एमएचआरडी यूजीसी मैनेज करेगा।

यह एक तरह का कमर्शियल बैंक की तरह होगा जहां पर स्टूडेंट अकाउंट होल्डर और कस्टमर होंगे।

यहां पर बैंक कई तरह की सुविधाएं देगा जिसमें क्रेडिट वेरिफिकेशन, डिग्री ऑथेंटिकेशन शामिल होगा।

नेशनल एकेडमिक क्रेडिट बैंक ,नेशनल एकेडमिक रिपोजिटरी से जुड़ा रहेगा।

नेशनल एकेडमी क्रेडिट बैंक मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट सिद्धांत पर आधारित है कि आप कभी भी कहीं से अपने पढ़ने की शुरुआत कर सकते हैं।

आप इसको इस तरह से समझ सकते हैं अगर किसी बच्चे ने इंजीनियरिंग में प्रवेश किया और 1 साल के बाद उसका मन नहीं लग रहा है ,और वह बीबीए करना चाहता है ।

पहले के सिस्टम में उसका पूरा साल खराब हो जाता और उसे बीबीए में फिर से एडमिशन लेना पड़ता ।

लेकिन नेशनल एकेडमी क्रेडिट बैंक सिस्टम आ जाने के बाद वह अपनी कुछ क्रेडिट जो कामन है उसे ट्रांसफर कर सकता है जिससे उसका समय बचेगा।

नेशनल एकेडमिक क्रेडिट बैंक का उद्देश्य छात्र छात्राओं को शिक्षा का अवसर प्रदान करना है जिसमें वह अपनी मनचाही शिक्षा भी ले सके और साथ में समय की बचत भी हो सके।

भारत में छात्र-छात्राओं की संख्या को देखते हुए अभी इसे पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल पर ही लागू करने का विचार किया जा रहा है साथ ही साथ प्रोफेशनल कोर्स जैसे एमबीए ,एमसीए इत्यादि में भी इनको लागू किया जा सकता है।

इस सिस्टम में विद्यार्थी ने जो भी क्रेडिट अपने बैंक में जमा किया है अगर उसने 8 साल में उसका उपयोग नहीं किया तो वह खत्म हो जाएगा।

इस व्यवस्था में फीस पर क्रेडिट के हिसाब से ली जाएगी ना की सालाना या फिर कोर्स के हिसाब से।




Next Story
Share it